हल्द्वानी- 38 साल पहले सीमा पर शहादत देने वाले चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर आज पहुंचेगा हल्द्वानी- सभी तैयारियां पूरी -देखे–(VIDEO)

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Haldwani news सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान आये एवलांच में हल्द्वानी निवासी लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला 29 मई 1984 शहीद हो गए थे, 38 साल बाद उनके पार्थिव शरीर को सेना ने सियाचिन में खोज निकाला था। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को हल्द्वानी स्थित उनके आवास पर लाया जाना था, मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर हल्द्वानी आना था लेकिन लेह में मौसम खराब होने के चलते सेना का हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहा है, जिसके चलते उनका पार्थिव शरीर हल्द्वानी स्थित उनके आवास पर नहीं पहुंच पा रहा है।

एसडीएम हल्द्वानी मनीष कुमार सिंह ने जानकारी देते बताया कि खराब मौसम के चलते शहीद चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर नहीं आ सकता ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि बुधवार आज उनका पार्थिव शरीर हल्द्वानी पहुंच सकता है ।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शहीद जवान चंद्रशेखर पर गाय के अंतिम संस्कार में भाग लेंगे।
गौरतलब है कि 19 कुमाऊँ रेजीमेंट में जवान चंद्रशेखर हर्बोला का जिनकी मौत 29 मई 1984 को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान हो गई थी बर्फीले तूफान में ऑपरेशन मेघदूत में 19 लोग दबे थे जिनमें से 14 जवानों का शव बरामद कर लिया गया था लेकिन पांच जवानों का शव नहीं मिल पाया था जिसके बाद सेना ने चंद्रशेखर हर्बोला के घर में यह सूचना दे दी गई थी कि उनकी मौत बर्फीले तूफान की वजह से हो गई थी उस दौरान चंद्रशेखर हर्बोला की उम्र सिर्फ 28 साल थी उनकी दोनों बेटियां बहुत छोटी थी परिजनों ने चंद्र शेखर हर्बोला का अंतिम संस्कार पहाड़ के रीति रिवाज के हिसाब से किया था लेकिन अब 38 साल बाद उनका पार्थिव शरीर सियाचिन में खोजा गया है जो कि बर्फ के अंदर दबा हुआ।पार्थिव शरीर का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा ।

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क्योंकि 38 साल पहले बिना पार्थिव शरीर के उनका अंतिम संस्कार किया गया था, वही चन्द्र शेखर हर्बोला की पत्नी शांति देवी के आंखों के आँसू अब सुख चुके हैं क्योंकि उनको पता है कि उनके पति अब इस दुनिया में नहीं है, गम उनको सिर्फ इस बात का था की आखिरी समय में उनका चेहरा नहीं देख सकी वही उनकी बेटी कविता पांडे ने कहा कि पिता की मौत के समय वह बहुत छोटी थी ऐसे में उनको अपने पिता का चेहरा याद नहीं है अब जब उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचेगा तभी जाकर उनका चेहरा देख सकेंगे उनकी मौत का गम तो उनके पूरे पर जनों को है लेकिन खुशी इस बात की है कि उन्होंने अपनी जान देश की रक्षा के लिए गवाई हैं चंद्रशेखर हर्बोला के अन्य परिजनों का कहना है कि सियाचिन में उनकी पोस्टिंग की ऑपरेशन मेघदूत के दौरान बर्फीले तूफान में 19 जवानों की मौत हुई थी

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जिसमे से 14 जवानों के शव को सेना ने खोज निकाला था, लेकिन 5 शव को खोजना बाकी था एक दिन पहले की चन्द्रशेखर हर्बोला और उनके साथ एक अन्य जवान का शव सियाचिन में मिल गया है और सेना द्वारा उनको यह सूचना मिली है कि चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर मिला है जिसका बैच संख्या 4164584 हैं।उनके पार्थिव शरीर को सरस्वती विहार धान मिल स्थित उनके आवास पर आज पहुंचने की संभावना है।

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