Uttarakhand News-इन्दर आर्य के”गुलाबी शरारा”गीत,100 मिलियन व्यूज पार’ठुमक ठुमक जब हिटैछि तू पहाड़ी बटुमा,50 लाख से अधिक बने रील-देखे-VIDEO
उत्तराखंड के जाने-माने लोक गायक इन्दर आर्य का गीत
ठुमक ठुमक जब हिटैछि तू पहाड़ी बटुमा, छम छम पायल घुंघरू, बजनि त्यार खुटुमा.. इन दिनों लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है.इन्दर आर्य के इस गाने पर इंस्टाग्राम पर 50 लाख से अधिक लोग रील बना चुके हैं. लेकिन बहुत से लोगों को पता नहीं है कि इस गीत को गाने वाले इन्दर आर्य उत्तराखंड के रहने वाले हैं. आम व्यक्ति हो या खास देश विदेश में इंद्र आर्य के इस गीतों पर लोग ठुमके लगाने को मजबूर हैं.
इंदर आर्य के इस गीत को अभी तक 100 मिलियन व्यूज मिल चुके हैं ऐसे में इंद्र आर्य ने अपने इस गीत को मिली उपलब्धि पर लोगों का आभार व्यक्त किया है.
जाने माने लोक कलाकार इन्दर आर्य ने से बात करते हुए कहा है कि उनके द्वारा गाए जा रहे सभी गीतों को लोग बहुत प्यार दे रहे हैं और उनकी कोशिश है कि उत्तराखंड की संस्कृति की पहचान पूरी देश दुनिया हो सके.
इंद्र आर्य ने कहां है कि पिछले कई सालों से पिछले कई सालों से संगीत के क्षेत्र में काम कर रहे हैं लेकिन उनको अपनी मेहनत के बाद उपलब्धि मिली है उन्होंने उत्तराखंड के युवाओं को संदेश दिया है कि जो भी काम करें उसकी लगन और मेहनत से करें और एक दिन उसका परिणाम अच्छा मिलता है.
100 मिलियन व्यूज़ वाला पहला उत्तराखंड का गाना बना है गुलाबी शरारा..सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर इस गाने में धूम मचाई है,ओर अपने नाम यह ख़िताब दर्ज किया। इस गाने पर हुक स्टेप बना कर लोगो ने सोशल प्लेटफार्म पर रील डाली जिससे वो भी वायरल हुए। यहां तक की शादियों में भी अब यह गाना पूरे ज़ोर शोर से बजाया जाता है,
जाने कौन है आर्य
कभी होटल मे शेफ रहे इंदर के गाने के बोल…ठुमक ठुमक जब हिटैछि तू पहाड़ी बटुमा, छम छम पायल घुंघरू, बजनि त्यार खुटुमा.पर इंस्टाग्राम पर 50 लाख से अधिक लोग रील बना चुके हैं.
गीत को गाने वाले लोक गायक इंदर आर्य मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के बागपाली गांव से हैं.इंदर आज भी सामान्य जीवन जीते हैं. कभी होटल में सैफ हुआ करते थे 15 साल तकराजस्थान, हरियाणा, पंजाब शेफ रहे एक छोटी सी नौकरी कर आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं इंदर ने गांव से ही इंटरमीडिएट किया.
इंदर बताते हैं कि बचपन में गुनगुनाते तो थे.लेकिन संगीत में करियर को कभी सोचा नहीं. लेकिन होटल में काम करने के दौरान जब साथियों ने उन्हें प्रेरित किया तब जाकर उन्होंने संगीत के क्षेत्र में कदम रखा. आज सभी का प्यार मिल रहा है.
इंदर आर्य ने बताया कि उनके माता-पिता गांव में रहते हैं जबकि अपने बच्चों के साथ हल्द्वानी में रहते हैं और घर आना-जाना रहता है.घर में माता-पिता के अलावा पत्नी पुष्पा व दो बेटे अनीश व यमन हैं.
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