तीन बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता को दी मुखाग्नि,तोड़ी समाज की रवायतें

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तीन बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता को दी मुखाग्नि,तोड़ी समाज की रवायतें

बात पुरानी हो गई जब सिर्फ बेटे ही परिवार के सदस्यों को मुखाग्नि देते थे बदलते दौर में समय के साथ लोगों की सोच भी अब बदलने लगी है नए समाज की महिलाएं रूढ़िवादी परंपरा को दरकिनार कर महिला सशक्तिकरण की ओर अपना कदम बढ़ा रही हैं ऐसा ही मामला उधम सिंह नगर के खटीमा से सामने आया है जहां तीन बेटियों ने अपने पिता को मुखाग्नि देकर रुढ़िवादी परंपराओं को तोड़ा है इन बेटियों ने विधि विधान के साथ पिता को मुखाग्नि देकर बेटों का फर्ज निभाते हुए उनकी अंतिम विदाई दी।
मामला खटीमा के खेतलसंडा गांव के परिवार की है।

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समाजसेवी 55 वर्षीय पंडि़त दयाकृष्ण जोशी दयालु गुरु पूजा पाठ कर परिवार की आजीविका चलाते थे उनकी तीन बेटियां हैं शुक्रवार की सुबह हृदय गति रुकने से निधन हो गया। दयालु गुरु डिग्री कालेज रोड स्थित किराये के घर में रहते थे अपनी पत्नी और तीन बेटियों के साथ रहते थे वह रोज सुबह रोज चार बजे उठकर नियमित घर पर पूजा-पाठ करने के बाद अपने यजमानों के वहां पूजा पाठ को जाते थे। लेकिन शुक्रवार सुबह जब नहीं उठे तो परिजन जब उठाने पहुंचे तो वह नहीं उठे जिसके बाद परिजन आनन-फानन में उस उनको हॉस्पिटल ले गए जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दी। दयालु गुरु की मौत के बाद खटीमा में शोक की लहर है तो वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई जनप्रतिनिधियों ने घर पहुंच शोक संवेदना व्यक्त की किया है।

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