Raju Pal Murder:चर्चित MLA राजू पाल हत्याकांड में छह आरोपियों को उम्रकैद की सजा
विधायक राजू पाल हत्याकांड को लेकर बड़ा फैसला आया है। लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने मामले में शुक्रवार को अहम फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र तय किया है। इसमें अब्दुल कवि रंजीत पाल आबिद प्रधान जावेद फरहान इसरार गुलहसन शामिल है। तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है।
आरोपियों में माफिया अतीक अहमद के तीन शॉर्प शूटर फरहान, आबिद और अब्दुल कवि भी शामिल हैं। इसके अलावा जावेद, इसरार, रंजीत पाल और गुल हसन को भी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। हत्याकांड के दो आरोपी माफिया अतीक अहमद और अशरफ की मौत हो चुकी है। छह आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबिक एक अन्य आरोपी फरहान को अदालत ने आर्म्स एक्ट में चार साल की सजा सुनाई है।
बसपा विधायक राजू पाल हत्या के सात आरोपियों को सीबीआई लखनऊ की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों में माफिया अतीक अहमद के तीन शॉर्प शूटर फरहान, आबिद और अब्दुल कवि भी शामिल हैं। इसके अलावा जावेद, इसरार, रंजीत पाल और गुल हसन को भी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। हत्याकांड के दो आरोपी माफिया अतीक अहमद और अशरफ की मौत हो चुकी है। छह आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबिक एक अन्य आरोपी फरहान को अदालत ने आर्म्स एक्ट में चार साल की सजा सुनाई है।
19 साल पहले 25 जनवरी 2005 को तत्कालीन बीएसपी विधायक राजू पाल की प्रयागराज के धूमनगंज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी.
विधानसभा चुनाव में माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को हराने के चलते राजू पाल की राजनीतिक दुश्मनी के चलते हत्या की गई थी. अतीक अहमद और अशरफ ने गुर्गों के साथ मिलकर प्रयागराज में दिनदहाड़े गोली मारकर राजू पाल की हत्या कर दी थी.
साल 2004 में राजू पाल बीएसपी के टिकट से विधायक चुने गए थे. उस चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी और अतीक अहमद का भाई अशरफ हार गया था. नतीजों के 3 महीने के अंदर ही 25 जनवरी 2005 को अतीक गैंग ने राजू पाल पर हमला कर दिया. 25 जनवरी को विधायक राजू पाल एसआरएन हॉस्पिटल से निकले थे. उनके काफिले में एक क्वालिस और एक स्कॉर्पियो कार थी. क्वालिस कार खुद राजू पाल चला रहे थे और उनके साथ की सीट पर रुखसाना बैठी थी.
राजू पाल जीटी रोड पर पहुंचे एक स्कॉर्पियो कार ने उन्हें ओवरटेक किया और तब तक राजू पाल के सीने में एक गोली लग चुकी थी. स्कॉर्पियो से 5 हमलावर उतरे और राजू पाल पर धुआंधार गोलियां बरसा दीं. हमले में रुखसाना जख्मी हो गई, संदीप यादव और देवीलाल की मौत हो गई. राजू पाल को 19 गोलियां मारी गई थीं.
विधायक राजू पाल हत्याकांड को लेकर बड़ा फैसला आया है। लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने मामले में शुक्रवार को अहम फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र तय किया है। इसमें अब्दुल कवि रंजीत पाल आबिद प्रधान जावेद फरहान इसरार गुलहसन शामिल है। तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है।
आरोपियों में माफिया अतीक अहमद के तीन शॉर्प शूटर फरहान, आबिद और अब्दुल कवि भी शामिल हैं। इसके अलावा जावेद, इसरार, रंजीत पाल और गुल हसन को भी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। हत्याकांड के दो आरोपी माफिया अतीक अहमद और अशरफ की मौत हो चुकी है। छह आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबिक एक अन्य आरोपी फरहान को अदालत ने आर्म्स एक्ट में चार साल की सजा सुनाई है।
बसपा विधायक राजू पाल हत्या के सात आरोपियों को सीबीआई लखनऊ की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों में माफिया अतीक अहमद के तीन शॉर्प शूटर फरहान, आबिद और अब्दुल कवि भी शामिल हैं। इसके अलावा जावेद, इसरार, रंजीत पाल और गुल हसन को भी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। हत्याकांड के दो आरोपी माफिया अतीक अहमद और अशरफ की मौत हो चुकी है। छह आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबिक एक अन्य आरोपी फरहान को अदालत ने आर्म्स एक्ट में चार साल की सजा सुनाई है।
19 साल पहले 25 जनवरी 2005 को तत्कालीन बीएसपी विधायक राजू पाल की प्रयागराज के धूमनगंज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी.
विधानसभा चुनाव में माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को हराने के चलते राजू पाल की राजनीतिक दुश्मनी के चलते हत्या की गई थी. अतीक अहमद और अशरफ ने गुर्गों के साथ मिलकर प्रयागराज में दिनदहाड़े गोली मारकर राजू पाल की हत्या कर दी थी.
साल 2004 में राजू पाल बीएसपी के टिकट से विधायक चुने गए थे. उस चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी और अतीक अहमद का भाई अशरफ हार गया था. नतीजों के 3 महीने के अंदर ही 25 जनवरी 2005 को अतीक गैंग ने राजू पाल पर हमला कर दिया. 25 जनवरी को विधायक राजू पाल एसआरएन हॉस्पिटल से निकले थे. उनके काफिले में एक क्वालिस और एक स्कॉर्पियो कार थी. क्वालिस कार खुद राजू पाल चला रहे थे और उनके साथ की सीट पर रुखसाना बैठी थी.
राजू पाल जीटी रोड पर पहुंचे एक स्कॉर्पियो कार ने उन्हें ओवरटेक किया और तब तक राजू पाल के सीने में एक गोली लग चुकी थी. स्कॉर्पियो से 5 हमलावर उतरे और राजू पाल पर धुआंधार गोलियां बरसा दीं. हमले में रुखसाना जख्मी हो गई, संदीप यादव और देवीलाल की मौत हो गई. राजू पाल को 19 गोलियां मारी गई थीं.
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