रामनगर में दहशत के पर्याय तीन लोगों की निवाला बना चुकी आदमखोर बाघिन को वन विभाग ने पिंजरें में किया कैद
उत्तराखण्ड़ के रामनगर में आतंक का पर्याय बनी आदमखोर बाघिन को आखिरकार पकड़ लिया गया है. कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व और रामनगर वन प्रभाग की टीम ने मिलकर इस काम को अंजाम दिया है। रामनगर वन प्रभाग के आसपास मोहान से पनोद तक के क्षेत्र में बाघिन को पकड़ा गया है. यह वही बाघिन बताई जा रही है बाघिन बुधवार सुबह ही पिंजरे में कैद हुई है. इसे रेस्क्यू करने के बाद ढे़ला रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया है. यह बाघिन बूढ़ी बताई जा रही है।
नेशनल हाइवे 309 पर तीन लोगों को निवाला बनाने के मामले में छह महीने की मशक्कत के बाद बाघिन को पकडऩे में वन विभाग को सफलता मिल गई। पकड़ी गई बाघिन ही युवक पर हमला करने वाली बाघिन थी या नहीं। वन विभाग इसकी पुष्टि के लिए डीएनए जांच कराएगा।
डीएफओ कुंदन कुमार का कहना है कि पकड़ी गई बाघिन पूर्व में भी युवक पर हमले के दौरान कैमरे में देखी गई थी। इसी बाघिन के ही हमले में शामिल होने की पूरी संभावना है। पुष्टि के लिए बाघिन का डीएनए जांच कराई जा रही है। बाघिन से सेंपल ले लिए हैं। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बीते साल 17 जुलाई को नेशनल हाइवे पर मोहान क्षेत्र में मुरादाबाद का बाइक सवार एक युवक बाघ के हमले में मारा गया था। तब घटना को अंजाम देने के मामले में बाघिन की तस्वीर कैद हुई थी। उसके बाद 13 दिसंबर को पूर्व फौजी व 24 दिसंबर को एक युवक को हाइवे पर पनोद क्षेत्र में बाघ ने मार डाला था। तब भी कैमरे में एक बाघ व एक बाघिन की तस्वीर कैद हुई थी। दोनों घटनाओं में एक ही बाघिन के शामिल होने की बात पता चली।
बताया जा रहा है कि बाघिन के दांत घिसे हुए मिले साथ ही चलने में भी उसे दिक्कत थी। बाघिन को ढेला रेस्क्यू सेंटर ले जाकर छोड़ दिया गया।
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