हल्द्वानी जेल में षड्यंत्र 6 आरोपियों को हरिद्वार और अल्मोड़ा जेल किया शिप्ट

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हल्द्वानी: बनभूलपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत हिंसा के मामले में सौ से अधिक आरोपी हल्द्वानी जेल में बंद थे. पिछले दिनों हल्द्वानी जेल में हिंसा में बंद हिंसा की आरोपियों और अन्य कैदियों में विवाद के बाद मामला चर्चा का विषय बना रहा. जेल में रहकर सांप्रदायिक षड्यंत्र रचने वाले बनभूलपुरा हिंसा के आधा दर्जन आरोपियों को अल्मोड़ा और हरिद्वार जेल में शिफ्ट कर दिया गया है.

इन सभी ने एक मामूली से विवाद को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की थी. 26 जुलाई को हिंसा के दो आरोपियों का एक अन्य बंदी से विवाद हो गया था पसीने की बदबू आने और दाढ़ी काटने के मामले में हल्द्वानी उप कारागार में जमकर विवाद हुआ था. 29 जुलाई इन्हीं हिंसा के आरोपियों ने मामले का सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की. इस मामले की गाज एक बंदी रक्षक पर गाज भी गिरी और उसकी ड्यूटी एक माह के लिए कारागार द्वार पर लगा दी गई. हिंसा के आरोपियों ने बंदी रक्षक पर अभद्र भाषा इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.


मामला जेल से बाहर आया तो एलआईयू और इंटेलीजेंस ने भी जांच शुरू कर दी. 30 जुलाई को आईजी जेल ने मामले में रिपोर्ट तलब कर ली. पुलिस, एलआईयू और इंटेलीजेंस की संयुक्त रिपोर्ट में सांप्रदायिक षड्यंत्र की बात सही पाई गई. माना गया कि यदि यह आरोपी साथ रहे तो दोबारा षड्यंत्र रच सकते हैं. इसको देखते हुए जेल प्रशासन ने तीन आरोपियों को अल्मोड़ा जेल और तीन को हरिद्वार जेल शिफ्ट कर दिया. बताया जा रहा है कि आईज आईजी जेल विमला गुंज्याल के निर्देश पर छह आरोपियों को दूसरी जेलों में सोमवार सुबह शिफ्ट किया गया है.

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बनभूलपुरा हिंसा को सात माह से अधिक समय बीत चुका है. हिंसा के आरोप में अब तक 107 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन बंदियों को नैनीताल जिला कारागार और हल्द्वानी उप कारागार में रखा गया है. मुख्य आरोपी को छोड़कर सभी को हल्द्वानी जेल में रखा गया है.
ऐसे में हल्द्वानी जेल में क्षमता से अधिक बंदियों और कैदियों का बोझ उठा रही जिसको देखते हुए जून माह में बनभूलपुरा हिंसा के 13 आरोपियों को हल्द्वानी जेल से उधमसिंह नगर जिले की सितारगंज जेल में शिफ्ट किया गया था उधर हल्द्वानी जेल बनभूलपुरा से नजदीक होने के कारण यहां मिलने वालों का तांता लगा रहता है. जिसके चलते जेल की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होते हैं.

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