Uttarakhand:खुशखबरी! अब ट्रेन से होगी चारधाम यात्रा, 125KM रेल लाइन तैयार, ये है पूरा रूट

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उत्तराखंड में चार धाम यात्रा करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है रेलवे प्रशासन अब लोगों को ट्रेन के माध्यम से चार धाम यात्रा कराएगा बताया जा रहा है कि 2025 में रेलवे ट्रेन के माध्यम से चार धाम यात्रा शुरू कर सकती है ।


इसके लिए 327 किलोमीटर की रेलवे लाइन तैयार हो रही है. जिसको लेकर तेजी से काम चल रहा है और जल्द ही यात्रियों को इसकी सौगात मिल जाएगी. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है.
तीन चरणों में बंटी इस परियोजना को रेलवे 2025 तक पूरा करने की दावा कर रही है। इसकी शुरुआत मुरादाबाद रेल मंडल से काफी पहले हो चुकी है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है।

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अब सुरंगों में फिनिशिंग व उन्हें मौसम की दृष्टि से मजबूत बनाने का काम चल रहा है। भारी बारिश व भूकंप का असर भी यहां नहीं होगा। रेल प्रशासन का कहना है कि कार्य पूरा होने के बाद ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच की दूरी मात्र डेढ़ से दो घंटे में पूरी हो जाएगी। ट्रैक को इस प्रकार बनाया जा रहा है कि ट्रेन 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सके।
इस लाइन के बीच कुल 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इनमें योग नगरी ऋषिकेश, मुनि की रेती, शिवपुरी, मंजिलगांव, साकनी, देवप्रयाग, कीर्ति नगर, श्रीनगर, धारी देवी, रुद्रप्रयाग, घोलतीर और कर्णप्रयाग हैं. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच विदेशी तकनीकों से सुरंग निर्माण होगा।


मुरादाबाद मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि स्विट्जरलैंड और आस्ट्रिया के बर्फीले पहाड़ों में जिस तकनीक से रेल सुरंग बनाई जाती है. उसी तकनीक से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रूट पर 17 सुरंगों का निर्माण किया जाएगा. ऋषिकेश से 48 किमी की दूरी पर 15 किमी लंबी सुरंग होगी. ये देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग होगी. इस परियोजना का उद्देश्य गढ़वाल हिमालय में स्थित चार धाम मंदिरों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ तक रेल कनेक्टिविटी करना है. ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है. रेलवे बोर्ड की सीईओ ने इसे नजदीक से देखा है. सुरंगों में रेल लाइन बिछाने व अन्य कार्य चल रहा है. रेलवे का लक्ष्य 2025 तक इस रूट पर ट्रेनों को शुरू करना है।

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इस परियोजना में 153 किमी का रेल रूट मुरादाबाद मंडल में आता है। इसमें से 125 किमी का रेल रूट कुल 16 हजार 216 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है। इसमें से 105 किमी की रेल लाइन सुरंग से होकर गुजरेगी। इस लाइन के बीच कुल 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।

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जिसमें कुछ रेलवे स्टेशनों व सुरंगों का निर्माण पूरा हो चुका है। इस परियोजना को विस्तार देकर बदरीनाथ और केदारनाथ तक बढ़ाया जाएगा। 125 किमी का रेल रूट कुल 16 हजार 216 करोड़ रुपये से तैयार हो रहा है। इसमें से 105 किमी की रेल लाइन सुरंग से होकर गुजरेगी।


ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। रेलवे बोर्ड की सीईओ ने इसे नजदीक से देखा है। सुरंगों में रेल लाइन बिछाने व अन्य कार्य चल रहा है। रेलवे का लक्ष्य 2025 तक इस रूट पर ट्रेनों को शुरू करना है।

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