उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री ने प्राइवेट स्कूलों को दिए कड़े निर्देश अब पालन करना होगा इन नियमों को

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उत्तराखंड के चिकित्सा, सहकारिता, संस्कृत स्कूल, शिक्षा एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में काठगोदाम स्थित, सर्किट हाउस में जनपद के निजी स्कूलों के प्रबन्धकों, प्रधानाचार्यो के साथ शिक्षा को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

इस अवसर पर निजी शिक्षण संस्थाओं के प्रबन्धकों द्वारा शिक्षा के अधिकार एवं शिक्षा की गुणवत्ता, सुधार एंव समस्याओं के सम्बन्ध में सुझाव प्रस्तुत किये गये। बैठक में निजी शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा शिक्षा के अधिकार के अर्न्तगत सुपात्र बच्चों के प्रवेश एवं शिक्षण शुल्क, सरकारी विद्यालयों की तरह की सुविधायें, गुणवत्तायुक्त शिक्षा, पारदर्शिता, विद्यालय प्रबन्धन, स्कूल इमेज, खेलकूद, प्रतिस्पर्धा शिक्षा, स्कूलों की छुट्टी के समय पुलिस व्यवस्था सुदृढ कराये जाने सम्बन्धी अपनी समस्यायें प्रमुखता से उठाई गई।


इस दौरान मंत्री डॉ. रावत ने निजी शिक्षण संस्थाओं के प्रबन्धकों से वार्ता करते हुए अवगत कराया कि प्रदेश में एनसीईआरटी के तहत शिक्षा व्यवस्था एवं आरटीई के तहत सुपात्र बच्चों के प्रवेश कराये जाने पर बल दिया। उन्हांेने कहा कि बेसिक शिक्षा के तहत 1 अध्यापक पर 15 बच्चे, माध्यमिक शिक्षा पर 1 अध्यापक पर 20 विद्यार्थी तथा उच्च शिक्षा के अर्न्तगत एक प्रवक्ता पर 35 छात्र-छात्राओं को अध्ययन की सुविधा उपलब्ध कराने को सरकार कृत संकल्पित है। बैठक में मंत्री ने कहा कि शिक्षा के उन्नयन के लिए उनके द्वारा अभी तक 5 जिलों में बैठक आयोजित की गई है।

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।। इसके अलावा शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने निजी स्कूलों के साथ बैठक करते हुए कहा कि आरटीई के तहत 25% सीटों को हर हालत में भरना होगा इसके अलावा निजी स्कूल अपने नजदीकी गांव को गोद लेगा होगा जहां गांव के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना और उनकी पढ़ाई पर स्कूलों को अपना योगदान देने की बात कही।

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उन्होने शिक्षा विभाग एवं निजी शिक्षण संस्थाओं के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए हर 2 माह में बैठक आयोजित करने के साथ ही 100 दिन में मंत्री स्तर पर बैठक आयोजित करने की बात कही। उन्होने बताया कि एनसीईआरटी के तहत अब 75 विषयों, जिनमे कर्मकाण्ड, ज्योतिष, योग, रामायण, महाभारत, वेद पुराणों से भी बच्चों को शिक्षित करने के अलावा भारतीय ज्ञान परम्परा के साथ ही प्रतिस्पर्धा शिक्षा, रोजगारपरक शिक्षा दिये जाने पर बल दिया। उन्होने गुणवत्तायुक्त शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि निजी शिक्षण संस्थाऐं एक-एक गांव को गोद लेकर साक्षरता एवं स्वच्छता शिक्षा से प्रौढ एवं बुजुर्ग अनपढ़ लोगो को शिक्षित करने में अपना रचनात्मक सहयोग प्रदान करें। उन्होने कहा कि आगामी 31 मई को तम्बाकू नियन्त्रण दिवस पर कक्षा -6 से ऊपर के छात्र-छात्राओं अभिभावकों समेत 05 लाख लोगो को तम्बाकू निषेध की शपथ दिलाते हुए प्रदेश को तम्बाकू मुक्त प्रदेश बनाने में जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग का सहयोग करने के लिए आगे आयें।

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इस अवसर पर आयुक्त दीपक रावत, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, मुख्य शिक्षाधिकारी कुॅवर सिंह रावत समेत विभिन्न निजी शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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