उत्तराखंड: अवैध संबंध के चलते रिटायर प्रिंसिपल की हत्या,चार टुकड़ो में लाश काटकर लगाया ठिकाने, जानिए अवैध संबंध-ब्लैकमेल की पूरी कहानी –

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सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्यामलाल गुरुजी की हत्या के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए शहरों की खाक छान रहे दंपती 24 दिन बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं।
राजधानी देहरादून के पटेल नगर कोतवाली क्षेत्र में बीते दिनों की गई 70 वर्षीय रिटायर्ड प्रिंसिपल श्यामलाल की हत्या के मामले में फरार दंपति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. श्यामलाल का शव 20 फरवरी को सहारनपुर के बडगांव थाना क्षेत्र से बरामद हुआ था. पुलिस ने इस हत्याकांड की मुख्य आरोपी महिला और उसके MBBS स्टूडेंट पति पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित किया था. दोनों को पुलिस ने पंजाब के अमृतसर से गिरफ्तार किया है.
दोनों दिल्ली, मुंबई, जयपुर, प्रयागराज और कुरुक्षेत्र होते हुए अमृतसर पहुंचे थे। उन पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।


दंपती ने श्यामलाल से मोटी रकम ऐंठने के चक्कर में उनकी अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने और मोठी रकम ऐंठने के लिए पूरा षड़यंत्र रचा था, लेकिन उन्होंने कमरे में छिपाए गए कैमरे देख लिया। इसी दौरान मारपीट में दंपती ने श्यामलाल की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव के चार टुकड़े कर उसे सहारनपुर में नदी में फेंकवा दिया। शव को ठिकाने लगाने में शामिल महिला के भाई और जीजा को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

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पुलिस जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी महिला गीत और बुजुर्ग श्यामलाल के बीच पिछले 12 सालों से अवैध संबंध थे. आरोप है कि महिला ने श्यामलाल की अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर उससे पैसा ऐंठने की योजना बनाई थी. इसके लिए महिला और उसका पति (एबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था) ने अलग से किराए का कमरा भी लिया था. हालांकि, जब श्यामलाल को इसकी भनक लगी तो उसने इसका विरोध किया और उसी वजह से गीता और उसके पति ने श्यामलाल की हत्या कर दी.

गीता और उसके पति हिमांशु चौधरी ने हत्या के बाद श्यामलाल की लाश के काट कर टुकड़े किए और उन्हें प्लास्टिक के बैग में भरकर नहर में ठिकाने लगा दिया था. इस वारदात को अंजाम देने के बाद से ही दोनों फरार चल रहे थे. इस साजिश में शामिल दो अन्य आरोपियों को पहले ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें एक गीता का भाई है और दूसरा उसका साथी. इन दोनों ने ही श्यामलाल के शव को ठिकाने लगाया था.

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दंपती ने श्यामलाल से मोटी रकम ऐंठने के चक्कर में उनकी अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने और मोठी रकम ऐंठने के लिए पूरा षड़यंत्र रचा था, लेकिन उन्होंने कमरे में छिपाए गए कैमरे देख लिया। इसी दौरान मारपीट में दंपती ने श्यामलाल की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव के चार टुकड़े कर उसे सहारनपुर में नदी में फेंकवा दिया। शव को ठिकाने लगाने में शामिल महिला के भाई और जीजा को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया पीठावाला चंद्रबनी निवासी निधि राठौर ने सात फरवरी को पटेलनगर थाने में अपने 80 वर्षीय सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य पिता श्यामलाल गुरुजी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। निधि के अनुसार उसके पिता दो फरवरी को बाइक लेकर घर से निकले थे, लेकिन घर नहीं लौटे। उनका मोबाइल भी बंद था।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो पता चला कि दो फरवरी को श्यामलाल बाइक से किशननगर चौक होते हुए किशननगर एक्सटेंशन में किराये के कमरे में रहने वाली अपनी परिचित गीता के यहां गए थे। उनकी वापस आने की कोई फुटेज नहीं मिली।

पुलिस जांच आगे बढ़ाती हुई जब किशनगर एक्सटेंशन पहुंची तो गीता और उसका पति हिमांशु चौधरी फरार मिले। उनके मोबाइल नंबर भी बंद थे। दोनों के मोबाइल सर्विलांस पर लगाए गए। काल डिटेल के आधार पर पुलिस ने गीता के मायके देवबंद सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में दबिश दी। वहां से गीता के भाई अजय कुमार को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।

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अजय ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन गीता और बहनोई हिमांशु ने दो फरवरी को श्यामलाल की हत्या कर दी थी। गीता ने भाई अजय और कैलाशपुर कालोनी देवबंद निवासी अपने बहनोई धनराज चावला को शव ठिकाने लगाने के लिए चार फरवरी को देहरादून बुलाया था। दोनों ने शव देवबंद स्थित साखन नदी में फेंक दिया था।
पुलिस ने 19 फरवरी को अजय और धनराज चावला को गिरफ्तार कर लिया था। उनकी निशानदेही पर 20 फरवरी को श्यामलाल के शव के टुकड़ों को सहारनपुर के बडगांव क्षेत्र से बरामद किया था। इसके बाद से पुलिस गीता और हिमांशु की तलाश में अलग-अलग शहरों में दबिश दे रही थी। गुरुवार देर रात पुलिस ने दोनों को अमृतसर से दबोच लिया

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