हल्द्वानी: 20 साल से जेल में बंद पति की हुई मौत, आर्थिक तंगी से जूझ रही वृद्धा पत्नी शव जाने से किया मना, पुलिसकर्मी बने मददगार

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हल्द्वानी: उत्तराखंड पुलिस पुलिस सिंह के साथ साथ मित्रता सेवा का भी धर्म उठाती हैं, ऐसा ही मामला हल्द्वानी से सामने आया है जहां सितारगंज जेल में बंद एक कैदी की इलाज के दौरान सुशीला तिवारी अस्पताल में मौत हुई है 20 साल की सजा काट रहे कैदी की मौत होने के बाद उसकी 70 वर्षीय वृद्धा पत्नी जेकला देवी उसका शव लेने हल्द्वानी मोर्चरी पहुंची लेकिन आर्थिक तंगी के चलते अपना पति का शव ले जाने से मना कर दिया जिसके बाद पुलिस के दो जवान मददगार बन वृद्धा के पति के ले जाने के लिए एंबुलेंस और पैसे की व्यवस्था की जिसके बाद वृद्धा अपने पति को अपने गांव पीलीभीत ले गई।

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बताया जा रहा है कि सितारगंज सेंट्रल जेल में हत्या का दोषी पीलीभीत निवासी 65 वर्षीय राम लाल की शनिवार को सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई थी, पुलिस के सूचना के बाद रामलाल की पत्नी हल्द्वानी शव लेने पहुंची लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपने पति के शव को पीलीभीत ले जा सके वृद्धा ने बताया कि उसका एक बेटा है जो नशे गिरफ्त में हैं ऐसे में वह मजबूर हैं और अपने पति का शव नहीं ले जा पाएगी, जिसके बाद कैदी के साथ सितारगंज जेल से आए कांस्टेबल दिनेश सिंह और विजय कुमार आर्य ने मानवता दिखाते हुए वृद्धा के पति के शव ले जाने के लिए एंबुलेंस के अलावा कफन सहित अन्य व्यवस्थाएं की जिसके बाद वृद्धा अपने पति के शव को अपने घर पीलीभीत ले गई।

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