उत्तराखंडः गजब की शिक्षिका, कारनामा जान हो जाएंगे दंग, शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई

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उत्तराखंड की बदहाल शिक्षा व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है। शिक्षा विभाग को किस तरह से पलीता लगाने में कुछ शिक्षक हुए हैं इसका जीता जागता उदाहरण पौड़ी जनपद से देखने को मिला है जा एक शिक्षिका ड्यूटी पर नहीं आ कर खुद अपने जगह पर एक प्राइवेट टीचर को नियुक्त कर दिया जहां अपनी तनख्वाह से हर महीने उसको कुछ मानदेय दे रही थी । मामला उत्तराखंड के पौड़ी जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बगवाड़ी में प्रभारी प्रधानाध्यापिका नए विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए ठेके पर अध्यापिका रखी थी और वह खुद नदारद रहती है।

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दरअसल मामला मंगलवार को सीईओ ने जब स्कूलों का निरीक्षण किया तो इसका खुलासा हुआ। जिसके पश्चात सीईओ द्वारा प्रधानाध्यापिका का वेतन रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है।

दरअसल मंगलवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ आनंद भारद्वाज थलीसैंण में आयोजित तहसील दिवस में शामिल होने जा रहे थे, इस बीच उन्होंने स्कूलों का निरीक्षण किया जिसके पश्चात उन्होंने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय बगवाड़ी मैं निरीक्षण के दौरान पाया गया कि स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत व सहायक अध्यापिका माधुरी सेवारत हैं । और विद्यालय में 50 छात्र छात्राएं हैं निरीक्षण में यह पाया गया कि विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत नदारद हैं ।

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और उन्होंने अपने स्थान पर गांव की एक लड़की को रखा है जो बच्चों को पढ़ा रही है और प्रधानाध्यापिका उस लड़की को ढाई हजार रुपे मासिक धनराशि देती है जिस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने इसे सरकारी कर्मचारी के दायित्वों का उल्लंघन पाया है साथ ही नदारद प्रभारी प्रधानाध्यापिका से स्पष्टीकरण तलब कर अग्रिम आदेश तक उनके वेतन पर रोक लगा दी है।

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