लंदन में रहकर पहाड़ की बेटी ने गाया कुमाऊनी गीत यूट्यूब पर खूब हो रहा है वायरल ( देखें वीडियो गीत)

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उत्तराखंड आज भी अपनी संस्कृति सभ्यता और संगीत के लिए देश दुनिया में जाना जाता है पहाड़ का युवावर्ग लगतार उत्तराखंड के लोक संगीत को संवारने में जुटा है। कई लोग अन्य राज्यों में नौकरी करते हुए पहाड़ के संगीत को आगे बढ़ा रहे है।

संगीत की दुनियां में कई लोकगायिकाओं ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन दिनों गायिका दीपा आर्या का गीत “म्यर रंगील पहाड़ सुवा” सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। गायिका दीपा आर्या विदेश में रहकर उत्तराखंड के लोक संगीत को आगे बढ़ा रही, जो उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। उनका यह दूसरा गीत है, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे।

गायिका दीपा आर्या ने बताया कि उन्हें बचपन से पहाड़ी गीत गाने का शौक था, स्कूल समय हो या फिर गायों के ग्वाला जाना हो, वह पहाड़ी गीतों में खोये रहते थे। लेकिन कभी ऐसा मौका नहीं आया, जहां वह अपनी प्रतिभा लोगों को दिखा सकें। बचपन से उनके अंदर दबी पहाड़ी गीतों को गाने की ख्वाहिश शादी के बाद पूरी हुई। लेकिन पिता बाली राम ने बेटी की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। शादी के बाद वह कई साल दिल्ली में रही। इस बीच पति को विदेश से ऑफर मिलने पर वह भी बच्चों को लेकर लंदन चली गई।

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लंदन में पहुंचकर चारों ओर वहीं फर्राटेदार इग्लिश बोलने वाले लोगों को देखकर उन्हें हमेशा पहाड़ की याद सताती थी। दीपा आर्या बताती है कि वह लंदन के स्कूल में टीचर है। लेकिन पहाड़ जैसा सकून यहां कहां। लॉकडाउन के दौरान घर पर दिन कटने मुश्किल हो रहे थे, ऐसे में उनकी बात लोकगायक आनंद कोरंगा से हुई तो बातों-बातों में दीपा ने अपने अंदर छुपी प्रतिभा का जिक्र उनसे किया। फिर क्या था लोकगायक कोरंगा ने उन्हें संगीत जगत में लाने के लिए हामी भर दी। इसके बाद उनकीआवाज टेस्ट की गई। इससे पहले उनका एक गढ़वाली गीत सूण हे गैल्या आया, जिसे लोगों ने खूब प्यार दिया। अब उनका नया गीत म्यर रंगील पहाड़ सुवा आया। इस गीत को लिखा है लोकगायक आनंद कोरंगा ने जबकि संगीत संजीव दादा ने दिया है। यह गीत आनंद कोरंगा ऑफिसयल यू-ट्यूब चैनल से रिलीज हुआ है। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे है।

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पहाड़ के प्रति दीपा का प्यार इस गीत के माध्यम से झलकता है। खास बात यह है कि सात समुन्दर पार रहकर भी दीपा आर्या पहाड़ के संगीत को आगे बढ़ा रही है। मूलरूप से द्वाराहाट की रहने वाली दीपा बताती है कि लंदन में भी रहकर भी उनके परिवार में पहाड़ी बोली जाती है। उनके बच्चे पहाड़ी भाषा पूरी तरह से समझते है। वह कहती है कि कितनी भी सुख सुविधाएं मिल जाय लेकिन अपनी भाषा और अपनी जन्मस्थली इंसान को हमेशा सताती है। दीपा नेे संगीत की दुनियां में कदम रखने के लिए अपने पति राम आर्या का भरपूर सहयोग मिला है।

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