हल्द्वानी: 24 प्रजातियों की तुलसी पौधों की करनी हो दीदार तो पहुंचे वनअनुसंधान केंद्र।

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हल्द्वानी: उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र कई विलुप्त प्रजातियों के पौधों को संरक्षित करने का काम कर रहा है इसी के तहत लालकुआं वन अनुसंधान केंद्र तुलसी वाटिका का स्थापना कर करीब 24 प्रजातियों के तुलसी के पौधों को संरक्षित करने का काम कर रहा है। जिससे कि
तुलसी के पौधों की उनकी औषधीय गुणों की पहचान हो सके।वन अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि अनुसंधान केंद्र विलुप्त हो रहे कई पौधों को संरक्षित करने का काम किया है इसके अलावा कई अन्य वाटिका के माध्यम से कई प्रजातियों के पौधों को उनकी पहचान भी दिला रहा है

अभी तक तुलसी वाटिका में 24 प्रजातियों के देश-विदेश के तुलसी के पौधे लाकर यहां पर संरक्षित किया गया है।
जिससे कि तुलसी के विलुप्त हो रहे प्रजातियों के अस्तित्व को बचाया जा सकें।उन्होंने बताया कि वाटिका में मुख्य रूप से श्यामा तुलसी, लेमन तुलसी, नींबू तुलसी, रुद्रा तुलसी, लोंग तुलसी, रामा तुलसी, कपूर तुलसी, वन तुलसी, काली तुलसी के आना अलावा 24 प्रजातियों के तुलसी के पौधे लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के काम में आता है

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