इस स्टोन क्रशर के संचालन पर नैनीताल हाईकोर्ट ने लगाई रोक, वाइल्ड लाइफ बोर्ड से मांगी रिपोर्ट

Ad
ख़बर शेयर करें

नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है उत्तराखंड के कोटद्वार में संचालित सिद्धबली स्टोन क्रशर को हटाए जाने के मामले में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की कोर्ट ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए स्टोन क्रशर के संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड को निर्देश दिए कि निरीक्षण करें और तीन महीने में निर्णय लें कि ईको सेंसटिव जोन में स्टोन क्रशर लग सकता है या नहीं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आपत्ति पेश कर कहा था कि राज्य सरकार स्टोन क्रशर के लाइसेंस देते वक्त उनकी सहमति नहीं लेती है जिस पर कोर्ट ने कहा कि पीसीबी प्रदूषण रोकने की एक बॉडी है जिसकी सहमति लेनी जरूरी है।

यह भी पढ़ें 👉  सरकारी नौकरी:1100 पदों पर बम्पर भर्ती; आवेदन शुरू; 10वीं, 12वीं से लेकर ग्रेजुएट्स करें अप्लाई

कोटद्वार निवासी एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कोटद्वार में राजाजी नेशनल के रिजर्व फारेस्ट में सिद्धबली स्टोन क्रशर लगाया गया है। स्टोन क्रशर सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी गाइड लाइनों के मानकों को पूरा नहीं करता है।

यह भी पढ़ें 👉  नैनीताल:रामगढ़ रेंज जंगलिया गांव वन पंचायत में एक पेड़ मां के नाम के तहत किया वृक्षारोपण, किया जागरूक -VIDEO

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइड लाइन में कहा था कि कोई भी स्टोन क्रशर नेशनल पार्क के 10 किलोमीटर एरियल डिस्टेंस के भीतर स्थापित नहीं किया जा सकता, जबकि यह स्टोन क्रशर साढ़े छह किलोमीटर की दूरी पर संचालित है।

Advertisements
Ad Ad Ad Ad
अपने मोबाइल पर प्रगति टीवी से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए ऑप्शन पर क्लिक करें -

👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें

👉 फेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें

👉 अपने क्षेत्र की खबरों के लिए 8266010911 व्हाट्सएप नंबर को अपने ग्रुप में जोड़ें