जोशीमठ में बिगड़ रहे हैं हालात,तीन जोन में बंटा जोशीमठ,आज से गिराई जाएगी खतरे वाली बिल्डिंग,कंट्रोल रूम नंबर जारी है

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उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव के खतरे के बीच राहत-बचाव का प्लान तैयार किया गया है. जिला प्रशासन ने लोगों को बचाने के लिए जोशीमठ को तीन जोन ‘डेंजर-बफर-पूरी तरह सुरक्षित’ में बांट दिया है।

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रशासन सर्वे करवा कर डेंजर और बफर जोन की स्थिति का आंकलन कर रहा है. जो जोन पूरी तरह खतरे में होगा उसे तुरंत खाली कराया जाएगा. इस इलाके को डेंजर जोन कहा जा रहा है।

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जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते असुरक्षित हो चुके भवनों को गिराने का अभियान आज मंगलवार से शुरू होगा। मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने असुरक्षित भवनों को गिराने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम भवनों को ढहाने का काम करेगी, दोनों संस्थानों की टीमें जोशीमठ पहुंच गई हैं। असुरक्षित भवनों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं।

सबसे पहले शहर के एक बड़े होटल तोड़ा जाएगा। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों की टीम के निर्देशन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मौजूदगी में होटल को तोड़ने की कार्रवाई होगी। इस दौरान 60 मजदूरों के साथ ही दो जेसीबी, एक बड़ी क्रेन और दो टिप्पर ट्रक मौजूद रहेंगे।आपदा प्रबंधन सचिव डॉ.रंजीत सिन्हा के मुताबिक, उन सभी भवनों को सिलसिलेवार गिराया जाएगा, जिनमें दरारें आ चुकी हैं। सबसे पहले असुरक्षित भवन गिराए जाएंगे।

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इन नंबरों पर करें शिकायत

किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत के लिए जिला प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम जोशीमठ तहसील का नंबर 8171748602 जारी किया गया है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली के दूरभाष नंबर 01372- 251437,1077 (टोल फ्री) 9068187120 और 7055753124 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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जोशीमठ शहर की धारण क्षमता का आकलन करने के लिए आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ पहुंच गए हैं। एनजीआरआई, वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञ जोशीमठ पहुंच गए हैं।

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