रेलवे स्टेशन के इस कुली को मिले हैं दो-दो सरकारी पुलिस बॉडीगार्ड,वजह जान हो जाएंगे हैरान,

ख़बर शेयर करें

प्रगति टीवी डेस्क: सरकारी अधिकारियों और नेताओं के पीछे सरकारी बॉडीगार्ड तो आपने कई बार देखे होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि पटना के कुली के लिए दो सरकारी बॉडीगार्ड लगाए गए हैं. अब आपको लग रहा होगा कि ऐसा कैसे हो सकता है लेकिन ऐसा ही है. पटना जंक्शन पर लोगों का बोझ उठाने वाले कुली के लिए दो सिक्योरिटी गार्ड लगाए गए हैं

पटना विस्फोट से जुड़ा है मामला

पटना के ये ‘कुली नंबर-1’ हैं धर्मा यादव जो इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे हैं। धर्मा यादव इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि उन्हें दो-दो बॉडीगार्ड मिले हुए हैं। वो भले ही लोगों का बोझ उठाते हों लेकिन सरकार की तरफ से खास सुरक्षा मुहैया कराई गई है। धर्मा ने जान की बाजी लगाकर ऐसा काम किया जिसे जानकर आपको भी उन पर गर्व होगा।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड:(सावधान)सीमेंट खरीदने के नाम पर 23.60 लाख रूपये साईबर धोखाधड़ी,


धर्मा कुली प्रतिदिन 500 रुपये के करीब कमाता है और दो-दो बॉडीगार्ड को मेंटेन कैसे करता है? यह जानना जरूरी है. 27 अक्टूबर 2013 में पटना के गांधी मैदान में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सभा में बम विस्फोट हुए थे, लेकिन गांधी मैदान में बम विस्फोट होने के कुछ देर पहले पहला बम 27 अक्टूबर की सुबह करीब 9.30 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 10 पर फटा था. इस विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. मौके पर मौजूद कुली धर्मा ने एक भागते आतंकी इम्तियाज को दबोच लिया था. कमर में शक्तिशाली बम बांधे पकड़े गए उस आत्‍मघाती आतंकी से पूछताछ चल ही रही थी कि गांधी मैदान में बम विस्फोट शुरू हो गए.फिर आरोपी को जीआरपी के हवाले किया। इसी कारनामे के बाद करीब 10 साल की कानूनी लड़ाई के बाद उन्हें बिहार सरकार की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराई गई।

यह भी पढ़ें 👉  देवर-भाभी का अवैध संबंध,पति की हत्या के बाद बागेश्वर धाम में सेवादार बन छुपे, ऐसे खुला राज

धर्मेंद्र यादव उर्फ धर्मा यादव ने इस आतंकी को गिरफ्तार करवाने के बाद पाकिस्तान से धमकी भरे कॉल आए। इसमें उन्हें जान से मारने की भी धमकी दी गई। सरकारी गवाह से हटने को कहा गया। उन्हें 50 लाख रुपये तक का ऑफर भी दिया गया, ताकि वह अपनी गवाही बदल दें। लेकिन धर्मा यादव ने देशभक्ति की मिसाल पेश करते हुए अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहे।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी:नौकरी जाने के सदमे में बीमार अधेड़ ने दे दी जान, सदमे में परिवार

धर्मेंद्र यादव कहते हैं कि जब से उन्होंने उस आतंकवादी को पकड़वाया था, तब से ही उनकी जान को खतरा हो गया था। इस खतरे को भांपकर 2013 से ही उन्होंने सरकार से सुरक्षा की मांग की। इसके लिए उन्होंने पटना हाईकोर्ट में भी गुहार लगाई, लेकिन 2016 में उन्हें कोर्ट की तरफ से सुरक्षा दिलवाई गई। अब जाकर बिहार सरकार की तरफ से कुछ दिनों पहले ही उन्हें दो सुरक्षा गार्ड दिए गए हैं। धर्मेंद्र यादव इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं,

Advertisements
अपने मोबाइल पर प्रगति टीवी से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए ऑप्शन पर क्लिक करें -

👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें

👉 फेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें

👉 अपने क्षेत्र की खबरों के लिए 8266010911 व्हाट्सएप नंबर को अपने ग्रुप में जोड़ें