सांसद अजय भट्ट का टोपी प्रेम, सर पर टोपी दिलाती है अपने संस्कृति की पहचान।

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नैनीताल: उत्तराखंड वासियों की सर पर पहले जाने वाली पहाड़ी टोपी अब उत्तराखंड के लोगों के सर से धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है
शादी विवाह हो या तीज त्योहार या अन्य कोई शुभ अवसर यहां सर पर टोपी पहनने का रिवाज है लेकिन नैनीताल सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट आज भी उत्तराखंड की शान कहे जाने वाली टोपी की संस्कृति को बखूबी निभाते हैं। यही कारण है कि सांसद अजय भट्ट अधिकतर कार्यक्रम में टोपी पहन कर आते हैं और हर कार्यक्रम में अलग अलग तरीके अलग अलग संस्कृति और अलग-अलग राज्यों के टोपी पहन कर आते हैं जो उनकी पहचान है।यही वजह है कि आज अजय भट्ट की कुशल राजनीतिज्ञ की पहचान उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि देश पूरे देश में की जाती है। अजय भट्ट एक कुशल और मझे हुए राजनीतिज्ञ हैं यही कारण है कि उनकी पहचान उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश में की जाती है और आज पहली बार सांसद बनकर केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं।

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यही नहीं अजय भट्ट को पहाड़ के बोली भाषा और संस्कृति से भी पूरा लगाव है जिसका नतीजा है कि अपने कार्यक्रम में पहाड़ी बोली भाषा के साथ-साथ पहाड़ की रीति रिवाज की भी बात करते हैं। अजय भट्ट कहते हैं कि आज अपने संस्कृति और सभ्यता की बचाने की जरूरत है यही कारण है कि वह उत्तराखंड के साथ-साथ पड़ोसी राज्य नेपाल और हिमाचल कि अपनी पहचान कह जाने वाली टोपी कि वह धारण करते हैं जिससे कि वहां की भी संस्कृति को वह अपना सके अजय भट्ट कहते हैं कि नेपाल से रोटी बेटी का भी रिश्ता है इसलिए वह नेपाली टोपी भी पहनते हैं ।
यही कारण रहा है कि आज अजय भट्ट की पहचान उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में की जाती है

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