राशन कार्ड धारक कृपया दें: फ्री का राशन लेने वाले अपात्रों के खिलाफ एफआईआर-रिकवरी- के अभियान के लिए तिथि जारी-
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सस्ता और मुफ्त में राशि लेने वालों के खिलाफ अब सरकार बड़ी कार्रवाई करने जा रही है इस योजना के तहत जो भी अपात्र व्यक्ति होंगे उनके खिलाफ अब मुकदमा और f.i.r. की कार्रवाई के साथ-साथ रिकवरी भी होगी उत्तराखंड सरकार से सस्ता और मुफ्त राशन लेने वाले लाभार्थियों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे।
प्रदेश की हर राशन की दुकान के बाहर, उस दुकान से जुड़े अंत्योदय व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन लेने वाले कार्ड धारकों के नाम की लिस्ट लगाई जाएगी। इस लिस्ट में व्यक्ति का नाम, पता व उसका मोबाइल नंबर दर्ज होगा। खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। साथ ही एक जून से अपात्रों पर एफआईआर और रिकवरी की कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्ड पर प्रति यूनिट पांच किलो अनाज दिया जाता है। कोरोनाकाल से इन दोनों श्रेणी के 15 लाख से ज्यादा राशनकार्डों पर पांच-पांच किलो अनाज मुफ्त मिल रहा है। मानक के अनुसार, 15 हजार रुपये से ज्यादा मासिक आय वाला व्यक्ति इन योजना का लाभ नहीं ले सकता है।
एक जून से अपात्रों पर एफआईआर और रिकवरी शुरू होगी : खाद्य विभाग ने एक जून से प्रदेशभर में राशन कार्ड के सत्यापन के लिए ‘अपात्र को ना-पात्र का हां’ अभियान चलाने की तैयारी भी शुरू कर दी। विभागीय सचिव सचिन कुर्वे ने सभी डीएम-डीएसओ को इसके लिए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा, 15 हजार रुपये से अधिक मासिक आमदनी वाले लोगों को 31 मई तक स्वत: अपने अंत्योदय व एनएफएसए कार्ड सरेंडर करने का वक्त दिया गया है।
शिकायतें मिली हैं कि बड़ी संख्या में अपात्र दोनों योजनाओं का लाभ रहे हैं। 1600 से ज्यादा लोग अब तक खुद अपने कार्ड सरेंडर कर चुके हैं। मालूम हो कि यूपी में भी खाद्य विभाग ने अपात्र राशन कार्ड धारकों के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है।
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