हल्द्वानी: शैमफोर्ड स्कूल के छात्र कनिष्क सुयाल का देश के प्रतिष्ठित संस्थान आरआईएमसी देहरादून में चयन

ख़बर शेयर करें


देश के प्रतिष्ठित संस्थान राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) देहरादून की परीक्षा में शैमफोर्ड स्कूल हल्द्वानी के छात्र कनिष्क सुयाल का उत्तराखंड राज्य की एकमात्र सीट के लिए चयन हुआ है। आरआईएमसी की परीक्षा में देशभर से 25 सीटों में 24 छात्रों का चयन हुआ है उनमें से उत्तराखंड की एकमात्र सीट के लिए पूरे प्रदेश से कनिष्क का चयन होना विद्यालय एवं क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है। कनिष्क की इस सफलता पर विद्यालय के चेयरमैन दयासागर बिष्ट, चेयरपर्सन ऋचा बिष्ट, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश बिष्ट, डायरेक्टर अकेडमिक्स अंजू भट्ट, प्रधानाचार्या संतोष पांडे प्रशासनिक अधिकारी बी एस मनराल, विनोद खोलिया, समस्त विद्यालय प्रबंधन एवं स्टाफ ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

Ad Ad

विद्यालय के प्रबंधक दयासागर बिष्ट ने बताया कि वर्ष 2016 में शैमफोर्ड विद्यालय की स्थापना के अल्प समय में ही विद्यालय से छात्रों का चयन एनआईटी, सेना, नवोदय विद्यायल एवं सैनिक स्कूल के लिए हुआ है। अब देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान आरआईएमसी में कनिष्क का चयन होना विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता को दर्शाता है। इस उपलब्धि के लिए कनिष्क और सभी अध्यापकों की कड़ी मेहनत है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: राज्यपाल ने किया 118वे कृषि कुंभ किसान मेले एवं उद्योग प्रदर्शनी का शुभारंभ-VIDEO

उन्होंने कहा कि विद्यालय लगातार प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन करते रहता है। प्रधानचार्या संतोष पांडे ने कहा कि कनिष्क अपनी कक्षा में हमेशा अव्वल और संयमित रहा है। उनकी इस सफलता में विद्यालयों के अध्यापकों, उसके अभिभावकों का विशेष योगदान है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: राज्यपाल ने किया 118वे कृषि कुंभ किसान मेले एवं उद्योग प्रदर्शनी का शुभारंभ-VIDEO


कनिष्क ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों, विद्यालय के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्या को दिया जिनके मार्गदर्शन में ही इस सफलता को हासिल किया। कनिष्क ने बताया कि विद्यालय प्रबंधक श्री दयासागर बिष्ट द्वारा सभी बच्चों को अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु प्रेरित किया जाता है। वे मुझे भी अक्सर व्यक्तिगत रूप से बुलाकर पूर्व के प्रश्न पत्रों को हल करने के लिए और उन प्रश्न पत्रों को नियमित समय के अंतराल में हल करने के लिए प्रेरित किया करते थे और अनुशासित रहने की सलाह देते थे। मेरे माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी और मेरे परिवार ने भी हमेशा मेरा साहस बढ़ाया।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड:हैवानियत की हदें पार नाबालिग का पिता और प्रेमी ने भी लूटी अस्मत, दोनों गिरफ्तार

मैंने तैयारी के दौरान नियमित 8 घंटे की पढ़ाई की और भविष्य में आईआईटी में जाकर देश के लिए अपनी सेवाएं दूंगा। कनिष्क सुयाल का जन्म ग्रामीण परिपेक्ष में एक साधारण परिवार में हुआ है उनकी माताजी श्रीमती रत्ना सुयाल ग्राम बैड़ापोखरा की उप ग्राम प्रधान है एवं पिताजी प्रदीप सुयाल एक सफल व्यवसायी हैं। कनिष्क के बड़े भाई भी यूपीईएस देहरादून से बीटेक कर रहे हैं।

Advertisements
Ad Ad Ad Ad
अपने मोबाइल पर प्रगति टीवी से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए ऑप्शन पर क्लिक करें -

👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें

👉 फेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें

👉 अपने क्षेत्र की खबरों के लिए 8266010911 व्हाट्सएप नंबर को अपने ग्रुप में जोड़ें