देहरादून: मिथक तोड़ दूसरी बार मुख्यमंत्री बने धामी का जानिए 46 साल का राजनीति सफर

ख़बर शेयर करें

देहरादून : उत्तराखंड की राजनीति में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मिथक तोड़ते हुए दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं कहा जाता था कि जो भी एक बार उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बन जाता है वह दूसरी बार मुख्यमंत्री नहीं बन पाता था लेकिन पुष्कर सिंह धामी ने इन सभी मिथक को तोड़ते हुए दोबारा से फिर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के दूरस्थ क्षेत्र टुंडी गांव में हुआ । पुष्कर सिंह धामी के पिता
स्वर्गीय शेर सिंह धामी सैनिक थे बेटे पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर, 1975 में हुआ था। तीन साल बाद 1978 में उनका परिवार खटीमा के नगला तराई में आकर बस गया। वहीं उनकी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी हुई उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के साथ ही एमबीए भी किया इस बीच धामी आरएसएस 33 वर्ष तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक से जुड़े रहे 10 वर्ष तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काम किया उनका कार्य क्षेत्र लखनऊ विश्वविद्यालय से लेकर अवध प्रांत तक रहा इन्हीं संगठनों के जरिये वह राजनीति की बारीकियां भी सीखते रहे। भाजपा के प्रमुख नेताओं के संपर्क में आते रहे।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी -लाल कुआं हाईवे पर अज्ञात वाहन ने अज्ञात व्यक्ति को मारा टक्कर हुई मौत

राज्य स्थापना के बाद भगत सिंह कोश्यारी दूसरे सीएम बने जहाँ धामी उनके ओएसडी रहे। इसके बाद 2002 से 2008 तक दो बार भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई और उत्तराखंड को गहराई से समझने का प्रयास किया।
2010 से 2012 के बीच जब वह भाजपा सरकार में दर्जा राज्य मंत्री बने इसके साथ ही उन्होंने खटीमा को अपना कर्मभूमि मानते हुए 2012 में भाजपा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। दूसरी बार वह 2017 में विधायक बने इसी के साथ राज्य की राजनीति में उनका कद बढ़ता चला गया और राजनीति की महारत भगत सिंह कोश्यारी के सबसे करीबी माने जाने वाले पुष्कर सिंह धामी को चार जुलाई, 2021 को सीएम बना दिया गया।

यह भी पढ़ें 👉  UKSSSC: उत्तराखंड में समूह-ग के लिए आई बंपर भर्ती, युवा हो जाए तैयार,देखे डिटेल

अब वह दूसरी बार उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। फिलहाल पुष्कर सिंह धामी 6 महीने के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है, धोनी के नेतृत्व में 2022 का चुनाव लड़ा गया था जहां उन्होंने पूर्ण बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी कि सरकार को फिर से बनाने का काम किया है लेकिन मुख्यमंत्री अपना सीट हार गए हैं उसके बावजूद भी पार्टी हाईकमान ने उनको मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है। वही मुख्यमंत्री धामी को 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना है जहां कई विधायक धामी के लिए अपना सीट खाली करने को तैयार है

Advertisements
अपने मोबाइल पर प्रगति टीवी से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए ऑप्शन पर क्लिक करें -

👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें

👉 फेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें

👉 अपने क्षेत्र की खबरों के लिए 8266010911 व्हाट्सएप नंबर को अपने ग्रुप में जोड़ें