Uttarakhand News: खबर आपके लिए ,पहाड़ों पर होने वाले वाहन हादसों के कारण, सरकार को करना होगा पुनर्विचार

Ad
ख़बर शेयर करें

उत्तराखंड के पहाड़ी सड़कों पर आए दिन सड़क हादसे देखने को मिल रहे हैं. सड़क हादसों को लेकर अलग-अलग तर्क दिए जाते हैं लेकिन हादसों के असल वजह कई बार सामने नहीं आते हैं.सड़क हादसों के पड़ताल में ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है कि पहाड़ों पर अक्सर टैक्सी, मैक्सी और मिनी बस लोगों की आवागमन का साधन है. लेकिन इन वाहनों को चलाने वाले चालक प्राइवेट लाइसेंस पर वाहन चलाते हैं. प्राइवेट लाइसेंस चलाने का मुख्य कारण है कि सड़क परिवहन मंत्रालय ने 7.5 टन तक के वाहनों का चलने का कमर्शियल लाइसेंस की अनिवार्यता खत्म कर दिया है.

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी में आग के गोले में तब्दील हुई मोटरसाइकिल, बाल बाल बचा सवार-VIDEO देखे

जिसका नतीजा है कि पहाड़ों पर चलने वाले टैक्सी, मैक्सी और छोटे बसों के चालक अपने निजी लाइसेंस पर सड़कों पर वाहन दौड़ते हैं जो लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है.
जानकारों की माने तो कुछ साल पहले तक किसी भी कमर्शियल वाहन को चलाने के लिए चालक के पास कमर्शियल वैध लाइसेंस होता था जहां चालक को 1 साल तक प्राइवेट लाइसेंस का वाहन चलाना सीखना था जिसके बाद 1 साल बाद एक महीने की कमर्शियल वाहन चलाने की ट्रेनिंग के बाद कमर्शियल वाहन चलाने के लाइसेंस जारी किया जाता था लेकिन सड़क परिवहन मंत्रालय ने 7.5 टन तक के सभी प्रकार के वाहनों को चलने का कमर्शियल लाइसेंस की अनिवार्यता खत्म कर दिया है.

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में देश का पहला सरकारी स्कूल, जहां बच्चों को पढ़ा रही एआई टीचर, पहाड़ के टीचर ने किया कमाल-देखे-VIDEO

।पूर्व में कमर्शियल वाहनों को चलाने के लिए लाइसेंस जारी होने के दौरान ड्राइवर को ट्रेनिंग के साथ-साथ सड़क सुरक्षा के जरूरी नियम और जिम्मेदारियां समझाई जाती थी. ऐसे में अब सरकार को पुनर्विचार करने की जरूरत है जिससे कि टैक्सी गाड़ियां चलाने वाले चालकों को अच्छी ट्रेनिंग के साथ उनका कमर्शियल लाइसेंस जारी किया जाए जिससे कि सड़क हादसों पर लगाम लगाया जा सके.

इसके अलावा रोड इंजीनियरिंग भी सड़क हादसों का मुख्य कारण है. सड़क निर्माण के दौरान सड़क को कैसी बनाई गई है और उस सड़क पर सेफ्टी के मानक क्या है. इसके अलावा सड़क पर चलने वाले चालक को रोड गाइड करते हुए जाए जिससे कि सड़क हादसे काम हो सके.
इसके अलावा रोड पर चलने वाली गाड़ियों की फिटनेस और उसका परमिट और टैक्स इंश्योरेंस सभी तरह से ठीक है या नहीं हादसे को कम करने में कारगर साबित होता है.

यह भी पढ़ें 👉  UKSSSC Recruitment 2025: उत्तराखंड में अन्य पदों पर आवेदन स्टार्ट, बंपर भर्ती यहां पढ़ें भर्ती डिटेल

संभागीय परिवहन अधिकारी हल्द्वानी संदीप सैनी ने बताया कि परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर है.
सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा अब 7.5 टन कमर्शियल और पर्सनल वाहन चलाने के लिए अलग लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी. लेकिन 7.5 टन से अधिक वाहनों को चलाने के लिए कमर्शियल लाइसेंस की आवश्यकता है. कमर्शियल लाइसेंस लेने वाले चालकों को समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाती है जिससे कि सड़क हादसों को काम किया जा सके.

Advertisements
Ad Ad Ad Ad
अपने मोबाइल पर प्रगति टीवी से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए ऑप्शन पर क्लिक करें -

👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें

👉 फेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें

👉 अपने क्षेत्र की खबरों के लिए 8266010911 व्हाट्सएप नंबर को अपने ग्रुप में जोड़ें