मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के पहले युवा मुख्यमंत्री के रूप में नाम दर्ज, जाने ओएसडी से कैसे पहुंचे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक
देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री है, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उम्र 45 वर्ष है जहां उनको सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री के तौर पर देखा गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ जिले स्थित डीडीहाट तहसील के टुण्डी गांव में हुआ था उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई है पुष्कर सिंह की मां का नाम विशना देवी और पत्नी का नाम गीता धामी है और उनके दो बेटे हैं. पुष्कर सिंह धामी के पिता सेना में कार्य थे इसके बाद इनका परिवार खटीमा में आ गया जहां वह अपने 12वीं तक की पढ़ाई खटीमा में की जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया जहां से पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भी हुई. 2000 में उत्तराखंड के गठन से पहले ही पुष्कर सिंंह धामी लखनऊ यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे। जहां वह लखनऊ यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी इस दौरान उन्होंने एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के संयोजक के पद पर भी कार्य किया
मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के ओएसडी रह चुके हैं धामी
सैनिक परिवार से संबंध रखने वाले पुष्कर सिंंह धामी ने उत्तराखंड की राजनीति में एंट्री 2002 में मुख्यमंत्री रहे भगत सिंंह कोश्यारी के ओएसडी के तौर पर की थी।उत्तराखंड बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी राज्य बीजेपी में सक्रिय हुए. जिसके तहत राज्य बीजेपी ने 2002 से 2008 तक लगातार दो बार पुष्कर सिंंह धामी को उत्तराखंड बीजेपी युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष रहे अपने इस जिम्मेदारी में पुष्कर सिंंह धामी ने पूरे राज्य से बड़ी संख्या में युवाओं को बीजेपी में जोड़ा वहीं 2007 में जब उत्तराखंड में बीजेपी की वापसी हुई तो 2010 में पुष्कर सिंंह धामी को राज्य सरकार ने दर्जा मंत्री बनाया. जिसके तहत उन्हें उपाध्यक्ष शहरी अनुश्रवण समिति बनाया गया।
3 जुलाई 2021 को उत्तराखंड के 11 मुख्यमंत्री बने पुष्कर धामी
खटीमा से विधायक पुष्कर सिंंह धामी ने 3 जुलाई 2021 को उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, लेकिन बीजेपी से राजनीति करने वाले से पुष्कर सिंंह धामी का यह राजनीतिक सफर बेहद ही साधारण परिवार से होकर गुजरा है. ।
मुख्यमंत्री धामी राजनीति इतिहास
धमसिंंह नगर जिले की खटीमा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह सीट 2012 में सामान्य हुई थी, इसके बाद से इस सीट से पुष्कर सिंह धामी लगातार दो बार से विधायक हैं. वह 2012 और 2017 का चुनाव इस सीट से जीत चुके हैं. 2012 से बीजेपी के टिकट पर पुष्कर सिंह धामी ने 20,586 मतों के अंतर से कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र चंद को हराया था. वहीं 2017 के चुनाव में पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी को 2709 मतों के अंतर से हराया था. 2012 से पहले यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी. 2007 में कांग्रेस के टिकट पर गोपाल सिंह राणा 36,561 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. वहीं 2002 में भी कांग्रेस से गोपाल सिंह राणा ने 22,588 मतों के साथ बसपा के दान सिंह भंडारी को हराया था।
इस बार खटीमा विधानसभा चुनाव से फिर लड़ेंगे पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि इस बार फिर वह खटीमा विधानसभा चुनाव से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं क्योंकि खटीमा की जनता उनकी है और वह खटीमा की जनता के लिए अपना जीवन समर्पित किया है और इस बार वह खटीमा से चुनाव लड़कर तीसरी बार विधायक बनेंगे।
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