सावधान:वाहन इंश्योरेंस करा रहे हैं तो रहे सावधान: इंश्योरेंस कंपनियों का फर्जीवाड़ा
हल्द्वानी: कमर्शियल वाहनों के इंश्योरेंस के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है फर्जीवाड़े का खुलासा खुद परिवहन विभाग ने किया है। परिवहन विभाग ने इंश्योरेंस के मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए 528 वाहनों को चिन्हित किया है जो एक बड़ी बीमा कंपनी द्वारा फर्जी तरीके से बीमा करवाया गया है।
इन कमर्शियल वाहनों को इंश्योरेंस करवाने के दौरान टू व्हीलर दर्शा कर इंश्योरेंस कंपनियों के एजेंटों ने फर्जीवाड़ा का खेल किया है।
संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी ने बताया कि शिकायतें मिल रही थी कि कमर्शियल वाहनों को कुछ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा टू व्हीलर दर्शाकर खेल खेला गया है।
जिसकी उन्होंने जांच पड़ताल कराई जहां कुछ हल्द्वानी आरटीओ कार्यालय में कमर्शियल वाहनों के पंजीकृत वाहनों के इंश्योरेंस की डिटेल मांगी गई जहां एक बड़ी कंपनी द्वारा बताया गया कि उनके यहां 528 ऐसे कमर्शियल वाहन हैं जो टू व्हीलर दिखाकर इंश्योरेंस किए गए हैं। यही नहीं परिवहन विभाग ने दो अन्य इंश्योरेंस कंपनी से भी इसकी जानकारी मांगी लेकिन दो अन्य कंपनियों ने इसकी जानकारी नहीं दी।
ऐसे में हल्द्वानी आरटीओ कार्यालय में पंजीकृत 528 कमर्शियल वाहनों में इंश्योरेंस के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप कुमार सैनी ने बताया कि अब इन सभी फर्जीवाड़े तरीके से कराए गए वाहनों के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब इन सभी वाहन स्वामियों को नोटिस जारी किया जा रहा है नोटिस जारी के बाद उनकी रजिस्ट्रेशन, फिटनेस और इंश्योरेंस रद्द की कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज की करवाई भी जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया में पाया गया कि इंश्योरेंस करने के दौरान इन वाहनों को टू व्हीलर दर्शा कर इंश्योरेंस करा परिवहन विभाग के पोर्टल पर अपडेट किया गया गया है। इंश्योरेंस कंपनियां भी अब फर्जी तरीके से कराए गए इंश्योरेंस वाहनों को अपने वेबसाइट से रिजेक्ट कर दिया है।
उन्होंने बताया कि और बड़े पैमाने पर इस तरह के मामले हो सकते हैं इसके लिए सभी परिवहन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वाहनों को इंश्योरेंस करने वाली सभी कंपनियों से वाहनों के इंश्योरेंस की डिटेल मांगी जा रही है। दो कंपनियों ने डिटेल देने से मना कर दिया है उनके खिलाफ नोटिसी कार्रवाई की जा रही है। कंपनी द्वारा डिटेल नहीं जाने से शक पैदा हो रहा है कि इनके और एजेंटों और वाहन स्वामियों के बीच कूट रचित कर फर्जीवाड़े का काम किया जा रहा है।
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