बड़ी खबर देहरादून:2015 दरोगा भर्ती प्रकरण: मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति- नया मोड़ आया सामने

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देहरादून : उत्तराखंड में 2015 में हुई दरोगा भर्ती मामले में धाधली सांमने आने पर विजिलेंस जाँच चल रही है। 339 पदों पर हुई इस भर्ती को लेकर अब ये बात सांमने आई है कि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा इसकी ओएमआर शीट नष्ट क़र दी गई । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वहीं इस मामले में विजिलेंस को मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति मिल गई है विजिलेंस इसमें जल्द मुकदमा दर्ज कर सकती है

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सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक एक दर्जन से ज्यादा दरोगाओ के कई अन्य प्रमाणपत्र तक फर्जी हो सकते हैँ ऐसे में जल्द बड़ी गिरफ्तारीयाँ हो सकती हैँ।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2015 में हुई इस सीधी भर्ती पंतनगर विश्वविद्यालय में कराई गई थी जहां ओएमआर शीट नष्ट कर दी गई है। ऐसे में विजिलेंस को इस सबसे बड़े सबूत के बिना ही आरोपियों तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ सकती है।

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2015 दरोगा की सीधी भर्ती मामले में पंतनगर विश्वविद्यालय का स्टाफ भी विजिलेंस के शिकंजे में फंसता नजर आ रहा है। विजिलेंस से मिली जानकारी जानकारी विश्वविद्यालय की ओर से कुछ ओएमआर शीट नष्ट की गई हैं।

कई दरोगा हैं निशाने पर : इस मामले की जांच पहले एसटीएफ कर रही थी। शुरुआती जांच में एसटीएफ को करीब 15 ऐसे दरोगा मिले थे जिनके नकल या ओएमआर शीट में छेड़छाड़ से भर्ती होने की आशंका है। इनकी सूची एसटीएफ ने विजिलेंस को सौंप दी थी। जिसके बाद विजिलेंस इनके खिलाफ नामजद मुकदमे की तैयारी कर रही है। इनमें से कुछ अभी चौकी इंचार्ज भी बने हैं।

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