विश्वजनसंख्या दिवस: उत्तराखंड में परिवार नियोजन के मामले में 96% महिलाओं की भागीदारी जबकि पुरुषों की भागीदारी मात्र 4%
देहरादून :आज विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण है लेकिन भारत की जनसंख्या लगातार बढ़ रही। जनसंख्या नियंत्रण में परिवार नियोजन का सबसे बड़ा योगदान माना जाता है, लेकिन उत्तराखंड में जनसंख्या नियंत्रण के मामले में सबसे ज्यादा भागीदारी महिलाओं की है. जिसमें नसबंदी के मामले में 4 से 5% ही पुरुषों की भागीदारी है, जबकि नसबंदी के मामले में 96% महिलाओं की भागीदारी है.बात उत्तराखंड की परिवार नियोजन की करें तो उत्तराखंड बनने से लेकर अभी तक करीब 5 लाख 29 हजार 500 महिलाओं और पुरुषों ने नसबंदी कराई है, जिसमें 4 लाख 94 हजार 250 महिलाएं जबकि 35 हजार 250 पुरुषों ने नसबंदी कराई।
बात नैनीताल जिले की करे तो पुरुष भी नसबंदी के मामले में काफी पीछे हैं. वर्ष 2021 में जहां 990 महिलाओं ने नसबंदी कराई तो वही 13 पुरुषों ने नसबंदी कराई. इस वर्ष अप्रैल माह से लेकर जून माह तक 2 पुरुष 1 जबकि, 29 महिलाओं का अभी तक नसबंदी हुआ है.
1989 में यूनाइटेड नेशन की आम सभा से विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का आह्वान किया गया क्योंकि 11 जुलाई 1987 तक विश्वभर में जनसंख्या का आंकड़ा 5 अरब के भी पार पहुंच गया था। लिहाजा, बढ़ती आबादी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाए जाने का फैसला लिया गया। विश्व में सबसे ज्यादा आबाद वाला देश चीन है, दूसरे नंबर पर भारत है। भारत में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरूआत 1952 में की गई। ये विश्व का पहला राष्ट्रीय मिशन था। विश्व जनसंख्या दिवस तो इसके बाद मनाए जाने का ऐलान हुआ।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि, दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति बढ़ती जनसंख्या की ओर अवश्य ध्यान दे और जनसंख्या को कंट्रोल करने में अपना योगदान करें. इस दिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई क्रियाकलाप किए जाते हैं ताकि जनता जागरूक हो सके और जनसंख्या पर कंट्रोल कर सके. ऐसे में इस मौके पर इन स्लोगन की मदद से अपने आसपास के लोगों को जागरूक जरूर करें.
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