उत्तराखंड: सभी विवि और कॉलेजों में नए सत्र से लागू हो गई नई शिक्षा नीति- देखें पूरी जानकारी

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उत्तराखंड के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने जा रही है इसके अंतर्गत बड़ी बात यह है कि स्नातक दूसरे और तीसरे वर्ष में विद्यार्थी अपने संकाय के अलावा दूसरे संकाय के विषय भी पढ़ सकेंगे यानी कि अपने संकाय के दो विषय चुनने होंगे और तीसरे के लिए अन्य संकाय से चयन की छूट रहेगी।

नई शिक्षा नीति को लेकर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शैक्षणिक कैलेंडर तैयार कर इसी सत्र से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा राज्य स्तरीय समिति ने च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम के लिए पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत स्नातक में मुख्य विषय के साथ माइनर इलेक्टिव पेपर की स्थिति स्पष्ट की गई है।विद्यार्थी को प्रवेश के समय एक संकाय (कला, विज्ञान, वाणिज्य आदि) का चुनाव कर दो ऐसे मुख्य विषय लेने होंगे, जिसका अध्ययन वह तीन वर्ष (छह सेमेस्टर) तक कर सकता है। जबकि दूसरे और तीसरे वर्ष में तीसरे मुख्य विषय का चुनाव किसी भी संकाय से कर सकता है।

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इसका मतलब यह है कि अब विद्यार्थी पहले साल इतिहास तो दूसरे वर्ष गणित भी पढ़ सकता है।नई शिक्षा नीति में स्नातक पाठ्यक्रमों के पैटर्न में व्यापक बदलाव होगा। विद्यार्थी द्वितीय व तृतीय वर्ष में मुख्य विषय या उनका क्रम बदल सकेंगे। कौशल विकास विषय और आनलाइन कोर्स भी पाठ्यक्रम में शामिल होंगे।

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छात्र को विश्वविद्यालय/महाविद्यालयों में विषयों की उपलब्धता के आधार पर विषय बदलने की सुविधा होगी। इसके लिए शर्त होगी कि वह एक वर्ष के बाद ही विषय बदल सकेगा, एक सेमेस्टर के बाद नहीं। माइनर इलेक्टिव कोर्स किसी भी विषय का पेपर होगा, न कि पूर्ण विषय।

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