हल्द्वानी: एमबीपीजी के एमए तृतीय वर्ष का छात्र की दर्दनाक मौत, जाने हादसे का कारण

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हल्द्वानी:काठगोदाम थाना क्षेत्र अंतर्गत दमुवाढूंगा में जमरानी कालोनी के पुराने सरकारी आवास गिराने में जुटा ठेकेदार की दीवार और छत की गिरने से नीचे दब गया जिससे दर्दनाक मौत हुई है. बताया जा रहा है कि कम कर रहे ठेकेदार हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज में एमए तृतीय वर्ष का छात्र है. छात्र के मौत के बाद से परिवार में कोहराम में मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि छात्र पढ़ाई के साथ-साथ परिवार चलाने के लिए ठेकेदारी का काम भी करता था. घटना रविवार दोपहर बाद की बताई जा रही है.


जानकारी के मुताबिक गौलापार दानीबंगर किशनपुर निवासी विक्रम सिंह बिष्ट उर्फ वकील (24) पुत्र डूंगर सिंह बिष्ट एमबीपीजी में एमए तृतीय वर्ष का छात्र था .
परिवार की माली हालत खराब थी और इसके लिए वह काम भी करता था. इन दिनों वह दमुवाढूंगा स्थित जमरानी कॉलोनी के सरकारी आवास गिराने का काम कर रहा था. बताया जाता है कि मुख्य ठेकेदारों ने उसे ठेका दिया था.

बताया जा रहा है कि विक्रम रविवार की रिश्ते के भाई वीरेंद्र व हरीश के साथ जमरानी कालोनी गया था तीनों ने मजदूरों के साथ काम भी किया और यह देख रहे थे कि मकान की ईंटें सही सलामत निकल आए साथियों की मानें तो दोपहर खाना खाने के लिए सभी कॉलोनी से बाहर आ गए लेकिन विक्रम अंदर ही रह गया तभी अचानक कॉलोनी की दो मंजिला छत ढह गई और विक्रम दीवार और छत के बीच में दब गया विक्रम की चीख और छत गिरने की आवाज सुनकर आनन-फानन में वीरेंद्र और हरीश के साथ अन्य लोग मौके पर पहुंच गए देखा तो कॉलोनी की छत विक्रम की पीठ पर और पेट दीवार पर टिका था.

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आनन-फानन में लोगों ने उसे निकालने की कोशिश शुरू की लेकिन बात नहीं बनी जिसके बाद मौके पर जेसीबी को बुलाया गया और बुरी तरह लहूलुहान विक्रम को बाहर निकाला गया. साथी उसे आनन-फानन में डॉ.सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय लेकर पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंच गई पंचनामा भरने के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. बताया जा रहा है कि जिस समय हादसा हुआ है।

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विक्रम के साथ वह ठेकेदार भी वहां अपनी लग्जरी कारों से मौजूद थे जेसीबी और लोगों की मदद से लहूलुहान विक्रम को निकाला गया लेकिन एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची थी लोग ठेकेदारों से उनकी लग्जरी कार मिले जाने के लिए कहा लेकिन ठेकेदार ने गाड़ी में खून लगने का अस्पताल तक नहीं ले गया इसके बाद मजदूरों ने हंगामा भी किया. घायल अवस्था में विक्रम को साथियों ने बाइक से कोशिश की लेकिन हालत गंभीर होते देखा एक व्यक्ति ने हिम्मत कर अपनी कार में सुशीला तिवारी अस्पताल ले गया जहां डॉक्टर ने उसकी मृत्य घोषित कर दी.

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हादसे की खबर सुनकर विक्रम के माता-पिता भी अस्पताल पहुंच गए. बताया जा रहा है कि विक्रम के पिता पैरालिसिस है जबकि भाई और बहन घर में रहते हैं घटना के बाद से परिवार में कोहरा मचा हुआ है.
परिवार में कमाने वाला सिर्फ विक्रम था परिवार का खर्च चलाने के लिए छोटी-मोटी ठेकेदारी लेकर काम करता था.

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