हल्द्वानी नन्हीं परी’ मर्डर केस आरोपी के बरी मामला सोशल मीडिया साइटों पर महिला अधिवक्ता को धमकी पर HC सख्त सोशल मीडिया सोशल मीडिया पर कार्रवाई के निर्देश

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नैनीताल जिले के हल्द्वानी क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014 में नन्ही परी हत्याकांड के मामले में फांसी की सजा प्राप्त अभियुक्त अख्तर अली को सुप्रीम कोर्ट से बरी करने के मामले में अख्तर की महिला अधिवक्ता को विभिन्न सोशल मीडिया साइटों पर में धमकी दिए जाने के मामले पर सुनवाई की।शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए फेसबुक सहित अन्य इंटरनेट प्लेटफार्मों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है।


हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपी को बरी किए जाने के बाद उसके अधिवक्ता के खिलाफ सोशल मीडिया पर धमकी दिए जाने मामले पर सुनवाई की।मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आज कई सोशल मीडिया साइटों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है।साथ में कोर्ट ने एसएसपी, एसटीएफ देहरादून को भी पक्षकार बनाया है।

हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं की ओर से शिकायत के आधार पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए एसएसपी नैनीताल को महिला अधिवक्ता व उनके परिवार जनों को सुरक्षा उपलब्ध कराने को कहा था। आईजी साइबर क्राइम को इंटरनेट मीडिया से भड़काऊ पोस्ट को हटाने तथा मना करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया है ।कोर्ट ने सोशल मीडिया साइटों को पूछा है कि अगर कोई इस तरह के बयान मीडिया में भेजता है तो उसे साइट से हटाने के लिए आपके पास क्या इंतजाम हैं।क्या कोई ऐसी टेक्नोलॉजी है जो कि स्वयं हट जाएं।इस पर एक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिया है।गौरतलब है की 20 नवंबर 2014 को काठगोदाम (हल्द्वानी) से पिथौरागढ़ की 6 साल की मासूम बच्ची अपने परिवार के साथ एक शादी समारोह में गई थी। अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी पूरे मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था जहां मुख्य आरोपी अख्तर अली को इस मामले में ट्रायल काेर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, हाई कोर्ट ने भी इस सजा के निर्णय पर मुहर लगा दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अभियुक्त को बरी कर दिया था। जिसके बाद से विभिन्न संगठनों की ओर से प्रदर्शन किए गए। साथ ही इंटरनेट मीडिया में अख्तर की पैरवी करने वाली अधिवक्ता पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के साथ ही धमकी दी गई।

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