उत्तराखंड में बना उत्तर भारत का पहला अर्किट संरक्षण केंद्र स्थानीय लोग को उपलब्ध होगा स्वरोजगार
चमोली :उत्तराखंड अनुसंधान केंद्र अपने कई उपलब्धियों के लिए पूरे देश विदेश में जाना जाता है इसी के तहत उत्तराखंड अनुसंधान केंद्र की शोध शाखा की ओर से ऑर्किड के संरक्षण के लिए चमोली जिले में गोपेश्वर के समीप खल्ला गांव में ऑर्किड पार्क स्थापित किया गया है जो उत्तर भारत का पहला आर्किड संरक्षण केंद्र है। इसकी विधिवत शुभारंभ शुक्रवार को वन संरक्षक और निदेशक अनुसंधान केंद्र संजीव चतुर्वेदी ने किया । अनुसंधान केंद्र दो साल की मेहनत के बाद वन करीब छह एकड़ भूमि में पार्क की स्थापना की है। केंद्र में आर्किड की 70 प्रजातियां संरक्षित की गई हैं। साथ ही सैलानियों को आर्किड की जानकारी देने के लिए सवा किमी लंबी ट्रेल यानी पैदल मार्ग भी बनाई गई है। बताया गया कि पूर्वाेत्तर राज्यों की भांति उत्तराखंड में आर्किड को पर्यटन विकास के साथ ही स्थानीय निवासियों की आजीविका से जोड़ा जाएगा। वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि उत्तराखंड में कुल आर्किड की 239 प्रजातियां प्राप्त हो चुकी हैं और भारी वर्षा और अत्यधिक समृद्ध वनाच्छादित क्षेत्र होने के कारण मंडल घाटी में खास तौर पर ये बहुतायत में पाई जाती हैं उन्होंने बताया कि विश्वभर में आर्किड की 20 हजार से ज्यादा और भारत में 1300 प्रजातियां पाई जाती हैं। वर्तमान समय में उत्तराखंड में पाई जाने वाली आर्किड प्रजातियों की संख्या 239 है। पार्क का मुख्य उद्देश्य राज्य में आर्किड के संरक्षण में जन सहभागिता सुनिश्चित करने के साथ ही इसे स्वरोजगार परम बनाना भी है।
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