उत्तराखंड की खनन मॉडल की देश भर में हो रही हैं चर्चा, जम्मू कश्मीर के अधिकारी करेंगे उत्तराखंड मॉडल का अध्ययन

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उत्तराखंड में खनन के डिजिटल उपयोग एवं अवैध खनन की रोकथाम के लिए बनाई गई पॉलिसी की चर्चा देश भर में हो रही हैं/ पहले हिमाचल और अब जम्मू कश्मीर राज्य के पाँच अधिकारियो का दल खनन डिजिटल परिवर्तन एवं निगरानी प्रणाली परियोजना का निरीक्षण करने आ रही हैं।

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राज्य में जैसे जैसे अवैध खनन की रोकथाम और राजस्व में वृद्धि हो रही हैं. वैसे वैसे दूसरे राज्य भी उत्तराखंड के पारदर्शी खनन मॉडल की चर्चा कर रहें हैं. उत्तराखंड के खनन निदेशक राजपाल लेघा के पास जम्मू कश्मीर के खनन विभाग से उत्तराखंड में संचालित खनन नीति को नजदीक से जानने के लिए 18 अगस्त को पॉलिसी और सर्विलांस सिस्टम की स्टडी के लिए देहरादून आ रहा है।

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भूविज्ञान एवं खनन निदेशालय, जम्मू और कश्मीर के आईटीआई लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम) द्वारा राज्य के विभिन्न स्थानों पर बूम बैरियर्स, RFID रीडर्स और LED होर्डिंग्स से सुसज्जित चेक गेट्स की स्थापना, देहरादून में खनन राज्य नियंत्रण केंद्र की स्थापना का अध्ययन करेगी।

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खनन निदेशक राजपाल लेखा ने बताता की उत्तराखंड अवैध खनन व अवैध परिवहन की प्रभावी रोकथाम व राजस्व वृद्धि के लिए आधुनिक खनन डिजिटल सुधार एवं निगरानी प्रणाली को विकसित किया गया है राज्य सरकार के स्तर से कुल 45 माइन चेक गेट स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। जिसका नतीजा है कि उत्तराखंड में खनन का कार्य पूरी तरह से पारदर्शिता से किया जा रहा है जिसके तहत सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति हो रही है ऐसे में अब दूसरे राज्य भी उत्तराखंड की खनन नीति और यहां की खनन व्यवस्था को अपने राज्यों में लागू करने के लिए स्टडी करने आ रहे ।

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