हल्द्वानी के टांडा जंगल में मिली लाश का हुआ बड़ा खुलासा, हल्द्वानी के होम स्टे में किया था आत्महत्या, मलिक ने लाश को लगाया था ठिकाना


हल्द्वानी रुद्रपुर मार्ग के टांडा जंगल में विगत सोमवार को मिले शव की पुलिस ने गुत्थी सुलझा दी है। शुरुआती तौर पर हत्या का अंदेशा जताने वाली यह घटना अब आत्महत्या में बदल गई है, लेकिन इसमें हल्द्वानी के एक होटल मालिक की संलिप्तता सामने आई है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर पंतनगर पुलिस ने 9 जुलाई को न केवल मृतक की पहचान की, बल्कि मौत के असली कारणों और शव को जंगल में फेंकने वाले आरोपी को भी बेनकाब कर दिया।

दरअसल 7 जुलाई को पंतनगर थाना क्षेत्र के टांडा जंगल में, फॉरेस्ट रेंजर ऑफिस और संजय वन के बीच डिमरी ब्लॉक के प्लॉट नंबर 19 पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था। शव के गले पर रस्सी जैसे निशान थे, जिससे प्रथम दृष्टया यह मामला हत्या का लग रहा था। सूचना मिलते ही एसएसपी मणिकांत मिश्रा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। उनके साथ ऊधम सिंह नगर की फील्ड यूनिट और पंतनगर थाना पुलिस भी मौजूद रही
एसएसपी मिश्रा ने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया और घटना के शीघ्र अनावरण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था और अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर गहन जांच शुरू कर दी थी।
पंतनगर थाना पुलिस ने इस मामले की परतें खोल दीं। पुलिस जांच में सामने आया है कि मृतक की शिनाख्त भूपेंद्र सिंह चुफाल पुत्र नन्दन सिंह, निवासी मूर्ति नापड़, थाना थल, पिथौरागढ़ के रूप में हुई, अब तक की जांच से यह खुलासा हुआ है कि मृतक भूपेंद्र सिंह ने 6 जुलाई को हल्द्वानी स्थित पंजाबी कॉलोनी के एक होम स्टे में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि होम स्टे के मालिक ने डर और बदनामी के कारण मृतक भूपेंद्र सिंह की अपने होम स्टे रजिस्टर में एंट्री नहीं की थी। भूपेंद्र की आत्महत्या के बाद होम स्टेट मलिक ने शव को ठिकाने लगाने की नीयत से उसे टांडा जंगल में फेंक दिया था।
पुलिस ने होम स्टे मलिक के खिलाफ भी आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। मुकदमे में साक्ष्य संकलन की कार्रवाई प्रचलित है और पुलिस इस मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी गहनता से जांच कर रही है ताकि घटना के हर बिंदु को स्पष्ट किया जा सके। इस खुलासे से यह भी स्पष्ट हो गया है कि शुरुआती तौर पर हत्या माने जा रहे मामले में असल वजह आत्महत्या थी जिसे छिपाने का प्रयास किया गया था।




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