उत्तराखंड के इन चार नेताओं के छात्र राजनीतिक ने बदली जीवन, प्रदेश के चार मुख्यमंत्री रह चुके हैं छात्रसंघ अध्यक्ष
प्रदेश के 119 राजकीय और 21 अशासकीय महाविद्यालयों में से अधिकतर में आज छात्र संघ चुनाव होंगे। सहायक निदेशक उच्च शिक्षा विभाग डॉ. दीपक पांडे के मुताबिक चुनाव को लेकर विभाग की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। तीन विश्वविद्यालय परिसरों में भी चुनाव होंगे। कुछ महाविद्यालयों में निर्विरोध चुनाव हो चुके हैं।
उत्तराखंड के इतिहास में छात्र राजनीति का भी अपना बड़ा महत्व है. छात्र जीवन से निकलकर कई ऐसे लोग हैं जो राजनीतिक के बड़े मुकाम हासिल कर चुके हैं इसीलिए उत्तराखंड के छात्र संघ चुनाव में युवा अपनी किस्मत को आजमाते हैं.
छात्र राजनीति ने उत्तराखंड को ऐसे राजनीतिक दिग्गज दिए, जिन्होंने देश-दुनिया में उत्तराखंड की विशेष पहचान स्थापित की। भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत, हेमवती नंदन बहुगुणा और मुरली मनोहर जोशी ने छात्र जीवन में ही राजनीति का ककहरा सीखा। एनडी तिवारी समेत प्रदेश के चार पूर्व मुख्यमंत्री छात्रसंघ के महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
नारायण दत्त तिवारी 1947 में इलाहबाद यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष बने.
नित्यानंद स्वामी 1950 में डीएवी कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए।
भगत सिंह कोश्यारी 1961 में अल्मोड़ा कॉलेज में छात्र संघ महासचिव चुने गए.
तीरथ सिंह रावत .1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा विवि में छात्र संघ अध्यक्ष बने.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, त्रिवेंद्र सिंह रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं। छात्र राजनीति से निकलकर कैबिनेट मंत्री और विधायक बने नेताओं की भी लंबी फेहरिस्त है।
उच्च शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक के मुताबिक महाविद्यालयों में छात्रसंघ के विभिन्न पदों पर मतदान सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा। इसके बाद मतगणना कर चुनाव परिणाम घोषित किया जाएगा। इसी दिन शपथ ग्रहण होगा।
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