दुखद:!एक ही चिता पर पति और सात माह की गर्भवती पत्नी के शव जलाए गए, हर किसी की आंखें हुईं नम



कहते हैं मौत और जिंदगी ऊपर वाले के हाथ में होता है जन्म जन्म का साथ निभाने का कसम खाने वाले एक दंपति की दर्दनाक कहानी सामने आई है जहां पति-पत्नी की एक साथ मौत हुई और एक ही चिता पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. वाराणसी जिले के हरहुआ बाजार में शुक्रवार को ट्रक की चपेट में आकर मृत खुटहन के मोजीपुर गांव निवासी दंपती का शव पीएम के बाद जब घर पहुंचा तो परिजनों में कोहराम मच गया। पति और सात माह की गर्भवती पत्नी की दुर्घटना में हुई मौत के बाद जब दोनों शव गांव के ही गोमती नदी तट पर एक ही चिता पर जलाए गए।
इस दौरान वहां मौजूद हर शख्स की आंखें भर आईं। पुत्र व बहू को एक साथ मुखाग्नि देते पिता को देखकर वहां मौजूद हर कोई अपने आंसू नहीं रोक सका। मोजीपुर गांव निवासी रवींद्र यादव उर्फ कल्लू पुत्र पब्बर यादव अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उसके छोटे भाई विद्युत विभाग में एसडीओ तथा सबसे छोटा भाई घर रहकर खेतीबाड़ी करता है।
रवींद्र कानपुर शहर में रहकर एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में प्राइवेट नौकरी करते थे। गुरुवार को वह वापस घर आए थे। उनके चचेरे भाई की पुत्री बीमार चल रही है। जो जिले के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती हैं। उसका हाल चाल लेने शुक्रवार की सुबह अपनी सात माह की गर्भवती पत्नी रानी यादव के साथ शहर आये थे। वहां से दोनों वाराणसी दर्शन करने चले गए।
बाइक से वापस लौट रहे दंपती हरहुआ बाजार में एक ट्रक की चपेट में आ गए। मौके पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई। मौत की मनहूस खबर पता चलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पीएम के बाद दंपति का शव घर लाया गया। अंतिम संस्कार गांव के गोमती नदी तट पर कर दिया गया।




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