Nainital News:हाथी और बाघ में आपसी संघर्ष, हाथी ने बाघ को कुचलकर मारा

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वनजीव संघर्ष की घटनाएं लगातार सामने आ रही है ताजा मामला रामनगर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज के कंपार्टमेंट 6 में वन विभाग की गश्ती टीम को एक बाघ का शव मिला,शव को देखते ही टीम ने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी,सूचना मिलने के बाद मौके पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर राहुल मिश्रा, पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी और वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. दुष्यंत शर्मा पहुंचे,अधिकारियों ने क्षेत्र का निरीक्षण कर पूरे मामले की जांच शुरू की.


प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि टस्कर हाथी और बाघ के बीच आपसी संघर्ष हुआ था, जिसमें हाथी ने बाघ को कुचलकर मार दिया,अधिकारियों ने पुष्टि की कि मृत बाघिन की उम्र लगभग चार वर्ष थी.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक राहुल मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सुबह हमें सूचना मिली कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज के कंपार्टमेंट 6 में एक बाघ का शव पड़ा हुआ है.सूचना मिलते ही कॉर्बेट पार्क की टीम और वरिष्ठ पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची.मौके पर जांच करने के बाद प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हुआ कि यह एक हाथी और बाघ के बीच हुए संघर्ष का परिणाम था.

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राहुल मिश्रा ने बताया कि कुछ दिन पहले भी इस क्षेत्र में लगातार टस्कर हाथी को देखा जा रहा था वनकर्मियों ने बताया कि यह टस्कर इस क्षेत्र में घूम रहा था, जिससे संघर्ष की संभावना बनी,उन्होंने कहा कि टस्कर हाथी के व्यवहार पर पहले भी नजर रखी जा रही थी, क्योंकि यह वन्य क्षेत्र में काफी सक्रिय था.उन्होंने कहाँ कि NTCA (National Tiger Conservation Authority) की गाइडलाइन के अनुसार बाघ के शव का पोस्टमार्टम किया गया,बाघ के सैंपल आगे की जांच के लिए भेजे गए हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सकेगी.

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वन अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं दुर्लभ होती हैं, लेकिन जंगल में प्राकृतिक संघर्ष आम बात है। इस मामले में विस्तृत जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि क्या यह वास्तव में आपसी संघर्ष था या इसके पीछे कोई और कारण था.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और अन्य वन क्षेत्रों में वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं,जंगल में संसाधनों की कमी और बढ़ती मानवीय गतिविधियों के कारण वन्यजीवों में संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के सिमटने से वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास प्रभावित हो रहा है, जिससे इस तरह की घटनाओं की संख्या बढ़ रही है।
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में प्राकृतिक संतुलन बनाए रखना जरूरी है, बाघ और हाथी दोनों ही वन पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण घटक हैं,इनके बीच संघर्ष को कम करने के लिए जंगलों के अंदर और आसपास वन्यजीवों के लिए सुरक्षित गलियारे (कोरिडोर) बनाए जाने चाहिए, ताकि वे अपने प्राकृतिक आवास में स्वतंत्र रूप से घूम सकें.

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