हल्द्वानी:मौत के बाद करोड़पति महिला को नहीं मिला अपना वारिस,पति और बेटे दोनों के दावे निकले झूठे- जानें पूरा मामला

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हल्द्वानी: कहा जाता है कि प्राण त्यागने के बाद रीति रिवाज से अपने ही लोग अंतिम संस्कार करते हैं तो मोक्ष की प्राप्ति होती है लेकिन हल्द्वानी के काठगोदाम थाना क्षेत्र की रहने वाली एक करोड़पति महिला को अपना वारिश भी नहीं मिल सका जिससे कि उसका रीति रिवाज से अंतिम संस्कार हो सके। आखिरकार पुलिस ने ईसाई धर्म के अनुसार रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार कराया है।

महिला के जीते जी उसको देखने के लिए कोई नहीं आया लेकिन महिला के मौत के बाद उसके कई वारिस पैदा हो गए लेकिन कोई भी उसके वारिस होने का दावा नहीं कर पाया। ऐसे में जिला प्रशासन ने महिला के संपत्ति को सीज कर क्रिश्चियन धर्म रीति रिवाज के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कराया है।

यह मामला काठगोदाम की पूनम का, पूनम के शव का हक न उसके कतिथ पुत्र सन्नी को मिला नही खुद को पति बताने वाले डेनियल को।

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नैनीताल रोड काठगोदाम प्रेम कुटीर निवासी 59 वर्षीय पूनम अलका सिंह पुत्री प्रवीण चंद्र सिंह 18 बीघा जमीन की मालकिन थीं। 1990 में उन्होंने सिख युवक से शादी की, जिससे शादी की उसकी पहले से एक शादी थी। पहली पत्नी से एक बेटा भी था। तीन माह बाद ही उनके पति की हत्या कर दी गई। इसके बाद पूनम अलका ने राजू नाम के शख्स से दूसरी शादी कर ली। वह वर्षों से पंजाब में कार्यरत है।

अलका अपनी केयर टेकर पदमा देवी के साथ हल्द्वानी में रहती थीं। पदमा ही उनकी देखभाल करती थी पिछले 2 सालों से कैंसर से पीड़ित थी जिसके बाद 8 नवंबर को उसकी मृत्यु हो गई मृत्यु के बाद तथाकथित अपने आपको मां बताने वाला सनी के अलावा पति बताने वाला राजू उर्फ डेनियल सहित कई लोगों ने अलका को अपना अपने बताते हुए उसके अंतिम संस्कार करने सहित संपत्ति को लेकर 3 दिनों विवाद खड़ा रहा।

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लेकिन पूनम अलका का कोई भी अपना वारिस होने का सिटी मजिस्ट्रेट के सामने दावा पेश नहीं कर पाया।
इसलिए पूनम के शव का अंतिम संस्कार अब पुलिस की निगरानी में हुआ। ईसाई धर्म के रीति रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया गया, पादरी की मौजूदगी में पूनम के शव को दफनाया गया। काठगोदाम नैनीताल रोड निवासी पूनम की बीते आठ नवंबर को मौत हो गई थी। वह कैंसर से पीड़ित थी।

उनकी मौत के बाद शव पर दो लोगों ने दावा ठोंका। जिसके बाद से शव पोस्टमार्टम हाउस में ही रखा गया था। शव पर पहला दावा खुद को पूनम का पति कहने वाले राजू डेनियल और बेटा बताने वाले सन्नी ने दावा ठोंका। शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष दोनों साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। खुद को राजू डेनियल बताने वाले का नाम आधार कार्ड में डेनियल युनुस मसीह था। जिसके चलते सिटी मजिस्ट्रेट ने दोनों के दावे खारिज कर दिए।

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मामले में पादरी की गवाही भी हुई और पादरी ने बताया कि पूनम ने चर्च में सदस्यता ली थी। जिस पर यह माना गया गया कि पूनम ने ईसाई धर्म अपना लिया था। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने काठगोदाम पुलिस को ईसाई धर्म के अनुरूप अंतिम संस्कार कराने के निर्देश दिए, साथ ही यह भी कहा की जब तक पूनम का असली वारिस नहीं मिलता, तब तक पूनम का घर और घर में मौजूद दो असलहे व अन्य सामान पुलिस की निगरानी में होंगे।

इसके अलावा बैंक मैनेजर को आदेश दिए गए हैं कि वारिसान मिलने तक बैंक खाते सीज कर दिए जाएं। इसके अलावा पूनम अलका के 18 बीघा जमीन को भी राजस्व विभाग को निगरानी के लिए दिल दिया गया है जिससे कि जमीन पर कोई कब्जा ना कर सके।

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