सात समंदर पार से आई फ्रांस की दुल्हन, पिथौरागढ़ के दूल्हे में रचाई कुमाऊंनी रीति-रिवाजों से शादी

सच्चा प्यार न सीमाओं को जानता है और न ही भाषाओं को। कुछ ऐसा ही नज़ारा उत्तराखंड के खूबसूरत पर्वतीय नगर पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में देखने को मिला, जब फ्रांस की एक युवती ने सात समंदर पार कर यहां आकर अपने प्रेमी से हिंदू रीति-रिवाजों के साथ शादी रचाई। यह विवाह न केवल अंतरराष्ट्रीय प्रेम की मिसाल बन गया है, बल्कि सोशल मीडिया और स्थानीय चर्चाओं का केंद्र भी बन गया है।
जानकारी के अनुसार, फ्रांस की रहने वाली अनियास लुईस (Agnès Louise) और पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी निवासी गंगा सिंह राणा (Ganga Singh Rana) की मुलाकात कुछ वर्ष पहले एक अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल प्रोग्राम के दौरान हुई थी। दोनों को पर्वतों, संस्कृति, और प्रकृति से प्रेम था और धीरे-धीरे यह साझा रुचि एक गहरे रिश्ते में बदल गई। समय के साथ इनका रिश्ता मजबूत होता चला गया और उन्होंने जीवन भर साथ निभाने का निर्णय लिया।
मुनस्यारी में पारंपरिक रीति-रिवाजों से शादी
गंगा सिंह और अनियास की शादी मुनस्यारी के सरमोली गांव में स्थित एक वेडिंग हॉल में संपन्न हुई। यह विवाह पूरी तरह से पारंपरिक कुमाऊंनी रीति-रिवाजों और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुआ। दूल्हा और दुल्हन दोनों ने पारंपरिक पोशाक पहनी हुई थी—जहां गंगा सिंह धोती-कुर्ता और साफा में सजे थे, वहीं अनियास ने खूबसूरत लाल साड़ी और भारतीय आभूषण पहन रखे थे।
पंडितों द्वारा संपन्न कराए गए वैदिक मंत्रों के बीच दोनों ने अग्नि के सात फेरे लिए और एक-दूसरे को जीवनभर साथ निभाने का वचन दिया। विवाह समारोह में दुल्हन के फ्रांस से आए परिजन भी शामिल हुए और भारतीय संस्कृति की गरिमा का हिस्सा बने। शादी के बाद सभी मेहमानों के लिए पारंपरिक कुमाऊंनी भोज का आयोजन किया गया।
अनियास लुईस ने शादी के बाद कहा, “भारत की संस्कृति और परंपराएं बेहद समृद्ध हैं। मुझे गंगा और उनके परिवार ने जिस स्नेह से अपनाया, उसने मेरा दिल छू लिया। मैं खुद को अब आधी भारतीय मानती हूं और इस रिश्ते को पूरी श्रद्धा और प्रेम के साथ निभाऊंगी।”
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें पहाड़ों से विशेष लगाव है और उत्तराखंड की सुंदरता और सादगी ने उन्हें शुरू से ही आकर्षित किया था। “मैंने गंगा से न केवल प्रेम किया, बल्कि उनकी संस्कृति और जीवनशैली को भी अपनाया,” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।
इस अनोखी शादी को देखने के लिए स्थानीय लोग भी भारी संख्या में जुटे। गांव के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक ने इस शादी को एक अनूठा अनुभव बताया। कई लोगों ने कहा कि यह विवाह प्रेम, विश्वास और संस्कृतियों के मिलन की मिसाल है।




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