UCC लागू करने वाला उत्तराखंड बना देश का पहला राज्य,निकेता नेगी रावत, विवाह रजिस्ट्रेशन कराने वाली बनी पहली महिला

उत्तराखंड ने ढाई साल की कड़ी मेहनत के बाद इतिहास रच दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के साथ इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया। मुख्य सेवक सदन में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने यूसीसी के पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण किया और अधिसूचना जारी कर दी। इस कदम के साथ, उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने समान नागरिक संहिता को लागू किया है।
हमने सरकार गठन में यही पहला निर्णय लिया था और आज वह दिन आ गया। लगभग तीन साल होने को हैं। इस दिन का बेसब्री का इंतज़ार था। यूसीसी जाती धर्म लिंग आदि में अंतर के आधार पर कानूनी आधार पर समाप्त करने का उपाय है।

महिला सशक्तीकरण के साथ साथ सुरक्षा भी होगी। हलाला, तलाक जैसी कुप्रथा पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी। लिव इन में रजिस्ट्रेशन से दोनों पक्षों को सुरक्षा मिलेगी। उत्तराखंड में 27 जनवरी समान नागरिक संहिता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। जिस तरह माँ गंगा यहां से निकलकर पूरे देश को लाभान्वित करती है। ऐसे ही यूसीसी भी काम करेगी।
कहा कि मुझसे पूछा गया था कि जनजातियों को अलग कर दिया फिर यह यूसीसी कैसी है ? संविधान के अनुच्छेद के आधार पर जनजातियों को अलग रखा है। यूसीसी किसी धर्म या सम्प्रदाय के ख़िलाफ़ नहीं है। यहां किसी को टारगेट करने के लिए नहीं है। यह समानता से समरास्ता का मार्ग है।
मुख्यमंत्री ने पोर्टल पर पहला पंजीकरण कराया। इस दौरान पंजीकरण प्रमाणपत्र भी सौंपा गया। निकिता नेगी रावत विवाह रजिस्ट्रेशन कराने वाली पहली महिला बनी है जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड तथा रजिस्ट्रेशन नंबर दिया गया है. इसके अलावा मनोज रावत, अंजना रावत, मीनाक्षी, अंजली ने भी सबसे पहले पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया। इन्हें भी पंजीकरण प्रमाण पत्र दिए गए हैं। यूसीसी लागू होने से छह महीने तक कोई शुल्क नहीं लगेगा।

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