उत्तराखंड:नाबालिग भतीजी से दुष्कर्मी ताऊ को आजीवन कारावास,नाबालिग ने दी थी बच्चे को जन्म
पिथौरागढ़:विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) ने भतीजी से दुष्कर्म करने वाले ताऊ को आजीवन कारावास की सजा सुनाया है. साथ ही 61 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया अर्थ दंड जमा नहीं करने के स्थिति में एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा.
घटना पिथौरागढ़ जनपद के गंगोलीहाट थाना क्षेत्र निवासी मवेशियों को चुगाते हुए ताऊ ने अपने रिश्ते की 16 वर्षीय भतीजी के साथ जबरन बलात्कार किया.साथ ही किसी को इसकी सूचना देने पर किशोरी को जान से मारने की धमकी भी ताऊ ने दी. इसके बाद से ताऊ भतीजी के साथ कई बार दुष्कर्म किया नाबालिग जब पेट दर्द की शिकायत पर अपनी मां के साथ जांच के लिए बेरीनाग अस्पताल गई तो उसके गर्भवती होने का पता चला. इसके बाद प्रसव पीड़ा होने पर नाबालिग ने एक बच्ची को जन्म दिया. पूरे मामले में नाबालिग की मां की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ गंगोलीहाट थाने में आईपीसी की धारा 323, 506, 376 (2) पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
तहरीर में बताया गया कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री के पेट में दर्द होने पर उसे चिकित्सक के पास ले जाया गया. जहां जांच में गर्भवती होने की पुष्टि हुई और एक बच्ची को जन्म दिया. पूछताछ में युवती ने इसके लिए गांव के रिश्ते के ताऊ को जिम्मेदार बताया.
यह मामला विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) शंकरराज के न्यायालय में चला.दोनों पक्षों को सुनने के बाद उन्होंने दोष सिद्ध करार देते हुए 50 वर्षीय ताऊ को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
न्यायालय ने धारा 376 (2) (आई) (एन) (3) के लिए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया.धारा 506 के तहत सात वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा.
आईपीसी की धारा 323 के तहत एक वर्ष का कठोर कारावास और एक हजार रुपये के अर्थदंड की सुनाई. अर्थदंड नहीं देने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होग.दोष सिद्ध की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.।
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