उत्तराखंडः बागेश्वर सामूहिक आत्महत्या सुसाइड नोट में चार मौतों का खोला राज,14 साल की बेटी के 12 पन्नो की दर्दभरी सुसाइड कहानी

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उत्तराखंड के पहाड़ी जिले बागेश्वर में एक घर में चार लोगों की लाशें मिली तो पूरा पहाड़ सहम उठा। जिसके बाद पुलिस के लिए चार मौतों की राज का पर्दाफाश करना बड़ी चुनौती बन गया। आज बागेश्वर पुलिस ने जब इस मामले का खुलासा किया तो सभी हैरान रह गये। जोशीगांव में हुए इस घटना का राज मृतक बेटी के सुसाइड नोट ने खोला। जिसे पढ़कर लोग ही नहीं पुलिस भी स्तब्ध रह गई।

इस मामले पुलिस ने एक महिला के खिलाफ ममला दर्ज किया है। साथ ही एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है और मृतक महिला के पति से फिलहाल पुलिस और पूछताछ कर रही है।

मम्मी सल्फास लेकर आई है

आज एसपी बागेश्वर हिमांशु वर्मा ने जोशीगांव में हुई चार मौतों को खुलासा करते हुए बताया कि जोशीगांव में गोविंद बिष्ट के मकान को भूपाल राम पुत्र हरीश राम, निवासी भनार, घटबगड़ बागेश्वर ने किराये पर लिया था। जहां वह अपनी पत्नी नंदी देवी, पुत्री अंकिता, पुत्र कृष्णा और भावेश के साथ रहता था। घटना में पत्नी सहित तीन बच्चों की लाश घर पर मिली। मामले की पड़ताल में पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला जो मृतक अंकिता ने लिखा था।

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आठवी में पढ़ने वाली 14 साल की अंकिता ने 12 पेज का सुसाइड नोट में लिखा है। आर्थिक तंगी और देनदारी से उसका परिवार परेशान था। जिन लोगों से उन्होंने उधार लिया तो वह पैसे मांगने घर आ रहे थे। ऐसे में उसकी मां मानसिक रूप से परेशान हो चुकी थी। पिता भी परेशान थे। अक्षर बड़े होने से पेजों की संख्या बढ़ गई है। जिसमें उसने लिखा है कि उसकी मम्मी सल्फास लेकर आई है। वह आर्थिक तंगी और देनदारी से परेशान हैं। उनके परिवार वाले अच्छे हैं। उनके चाचा को उनके लाश सौंप देना।

लोग पैसे मांगने आ रहे थे घर घर में नहीं है खाने को

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अंकिता ने सुसाइड नोट में लिखा है कि लोकल पुलिस ने सहयोग नहीं किया। जो लोग उनके घर पर पैसे मांगने आते थे उनका भी नाम सुसाइड नोट लिख डाला। एसपी का कहना है कि सुसाइड नोट की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। सुसाइड नोट की राइटिंग मिलाने के लिए अंजलि की स्कूल की कॉपी भी ली गई है। जिसकी जांच राइटिंग एक्सपर्ट से कराई जाएगी। साथ ही पुलिस को सहयोग न मिलने वाली बात सामने आने पर एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

परिवार की हालत ऐसी की घर में नहीं था राशन

पूछताछ में उसने बताया कि तीन माह पहले उसके पास एक मोबाइल था लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वह भी बेच दिया। उसके पास खाना खाने के लिए रूपये भी नहीं थे। घर पर राशन नहीं था। जिसके बाद वह एक मार्च बच्चों को छोड़कर अपने गांव की तरफ चला गया था। क्योंकि लोग उससे उधार के रूपये मांगने आ रहे थे। भूपाल का कहना है कि कोराना के बाद उसके परिवार की हालत बहुत खराब हो गई। ऐसे में उसने कई लोगों से कर्जा लिया।

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रीमा निवासी महिला के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

बागेश्वर रीमा निवासी नीमा देवी से उसने चार लाख रुपये लिए थे। उसने महिला के बेटे को नौकरी में लगाने का झांसा दिया थ। जिसके रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज है। लेकिन इसके बाद नीमा और भूपाल को समझौता हो गया। वह अपने रूपयों के लिए दबाव बनाती रही। पुलिस ने रीमा निवासी नीमा देवी के विरुद्ध धारा 306 यानी आत्महत्या को प्रेरित करने पर मुकदमा दर्ज किया है।

इसके अलावा भूपाल राम से पूछताछ की जा रही है। इस घटना की विवेचना कपकोट कोतवाली और सीओ को सौंपी गई है

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