अगर शरीर के इन 3 हिस्सों में हो दर्द तो समझ जाएं किडनी में आ गई है खराबी

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भागदौड़ भरी जिंदगी में तरह-तरह की बीमारियां सामने आ रही हैं इसी में मुख्य बीमारियों में किडनी की बीमारी लोगों में सामने आ रहे हैं। किडनी न केवल शरीर को स्वस्थ रखने में उपयोगी है बल्कि ये हमारे खून को भी फिल्टर करती है. ऐसे में जब किडनी नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है या इसमें कुछ खराबी आती है तो व्यक्ति को काफी कष्टदायक स्थिति का सामना करना पड़ता है. बता दें कि किडनी खराब होती है तो व्यक्ति को कुछ हिस्सों में दर्द महसूस होता है. ऐसे में इन हिस्सों के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने लेख के माध्यम से बताएंगे कि जब किडनी खराब होती है तो किन हिस्सों में दर्द होता है.

  • जब व्यक्ति की किडनी खराब होती है तो इसके कारण उसे सीने में दर्द महसूस हो सकता है. जी हां किडनी और सीने का एक दूसरे से संबंध है. किडनी खराब होने पर हृदय को ढकने वाली परत सूज जाती है, जिसके कारण व्यक्ति को छाती में दर्द की समस्या हो सकती है.

*जब किडनी किसी खराबी से प्रभावित होती है या इसमें कोई खराबी आ जाती है तो व्यक्ति को पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किडनी लंबे समय तक पेशाब का उत्पादन नहीं कर पाती है और व्यक्ति को पीठ में दर्द महसूस हो सकता है. यदि आपको लंबे समय तक पीठ में दर्द महसूस हो तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है. ये खराब किडनी के लक्षण में से एक भी हो सकता है.

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*जब बच्चे को किडनी की समस्या होती है तो उसे पेट के निचले हिस्से में भी दर्द महसूस हो सकता है. हालांकि मूत्र मार्ग में दर्द होने पर यह इन्फेक्शन का लक्षण भी हो सकता है. ऐसे में व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है.

अगर आपको लगता है कि इन तीनों मैं किसी का लक्षण महसूस हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर के अनुसार ही उपचार कराएं

इन्हें करें खान-पान में शामिल 

शोधकर्ताओं ने पाया है कि रेजवेरेट्रॉल तत्व किडनी की सूजन को कम करता है। यह तत्व अंगूर, मूंगफली और कुछ बेरी में मौजूद रहता है। ऐसा ही एक अध्ययन उन चूहों पर किया गया, जो कि पॉलिसिस्टिक किडनी डिजीज के शिकार थे। इस तत्व का असर उनमें सकारात्मक देखा गया। मुट्ठी भर स्वादिष्ट लाल अंगूर दोपहर में खाना फायदा पहुंचाता है। अध्ययन से यह भी संकेत मिलता है कि नियमित क्रैनबेरीज खाना भी किडनी के लिए फायदेमंद होता है। इन्हें आप सलाद आदि में खा सकते हैं। 

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नींबू, संतरे के जूस और तरबूज के रस आदि में विटामिन सी यानी साइट्रिक एसिड या साइट्रेट होता है। साइट्रेट तत्व किडनी में पथरी की बीमारी को रोकता है। माना जाता है यह तत्व पेशाब में मौजूद कैल्शियम से मिलकर उसे महीन कर देता है, जिससे कैल्शियम एक जगह जमा नहीं होता और किडनी के रोग की आशंका कम होती है। रोज एक कप फलों का ताजा रस पीने से शरीर में पानी का स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है।

अंगूर का रस शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है और किडनी को ठीक रखता है। रात में मुनक्के भिगोकर सवेरे उसका पानी कुछ दिनों तक नियमित पीने से भी किडनी के रोगों में लाभ मिलता है।

 

स्ट्राबेरी, रसभरी, जामुन और करौंदे जैसे फल किडनी से यूरिक एसिड और यूरिया को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इन फलों में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इससे मूत्र संक्रमण की आशंका भी कम होती है।

 

नियमित ग्रीन टी पिएं

बाजार में किडनी साफ करने वाली चाय उपलब्ध हैं। इसका नियमित सेवन किडनी को ठीक करता है। नेटल चाय, डैनडेलियन चाय और तुलसी चाय कुछ ऑर्गेनिक चाय हैं, जो आपकी किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में सहायता करती हैं। नियमित ग्रीन टी का सेवन शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर करने में मदद करता है। दिनभर में दो से तीन कप ग्रीन टी ले सकते हैं।

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मैदा, नमक व चीनी खाएं कम

पोषण से भरपूर भोजन और नियमित व्यायाम अच्छी सेहत के साथ वजन भी काबू रखता है, जो किडनी को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। मैग्नीशियम किडनी के लिए जरूरी तत्व है। मैग्नीशियम वाली चीजें, जैसे कि गहरे रंग की सब्जियों का नियमित सेवन शरीर में कई रोगों के लिए फायदेमंद है। अगर किडनी रोगों की समस्या रहने लगी है तो खाने में नमक, चीनी, सोडियम और प्रोटीन की मात्रा घटाना जरूरी होता है। इससे शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलती है।

 कुल मिलाकर शरीर को हल्का और सुपाच्य भोजन ही दें। अंडे की सफेदी में एमीनो एसिड होता है, इसमें फॉस्फोरस कम मात्रा में होता है, जो किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है। कैफीन, एल्कोहल, चॉकलेट, धूम्रपान और प्रोसेस्ड चीजों जैसे चीनी, नमक, मैदा (सफेद पास्ता, बिस्कुट, सफेद ब्रेड आदि) से बचें। प्रोसेस्ड फूड को पचाने में शरीर को मेहनत भी अधिक करनी पड़ती है। 

वजन नियंत्रित रखें 

खान-पान की स्वस्थ आदतें अपनाएं

धूम्रपान व एल्कोहल का सेवन न करें

सक्रिय जीवनशैली अपनाएं 

रक्तचाप काबू रखें

330 के बाद नियमित जांच कराएं

मधुमेह नियंत्रित रखें

परिवार में किडनी रोगों का इतिहास जानें

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