अल्मोड़ा: जीएसटी गड़बड़ी पर 275 व्यापारियों के पंजीकरण रद्द.व्यापारियों पर अर्थदंड की कार्रवाई शुरू

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अल्मोड़ा: राज्य कर विभाग ने जनपद के 275 व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए है। बताया जा रहा है कि इन व्यापारियों द्वारा जीएसटी में गड़बड़ी की गई है ऐसे में विभाग अब इन व्यापारियों के खिलाफ केंद्र और राज्य जीएसटी के अंतर्गत अर्थदंड की कार्रवाई कर दी है विभाग नियम के तहत अब इन व्यापारियों से जुर्माना वसूलेगा।

बताया जा रहा है कि अल्मोड़ा जिले में 2615 व्यापारी राज्य जीएसटी और 2131 केंद्र जीएसटी के अधीन है राज्य कर विभाग के अनुसार जीएसटी के दायरे में न आने वाले और जिन्होंने नियमों का पालन नहीं किया ऐसे 275 व्यापारियों के पंजीकरण रद्द कर दिए है ।

जानकारी के मुताबिक इसके अलावा अप्रैल में विलंब से या गलत विवरण जमा करने वाले व्यापारियों को चिन्हित करते हुए केंद्र और राज्य जीएसटी के अधिनियम के तहत अलग-अलग अर्थदंड की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जानकारी के अनुसार तीन व्यापारियों को नोटिस जारी कर 1 करोड़ 86 लाख से अधिक की राशि जमा करवाई गई है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सभी व्यापारियों से नियमानुसार प्रारूप में बिल जारी करने को कहा गया है। नियमों के तहत कार्य करने वाले व्यापारियों को राज्य विभाग पूरा सहयोग करेगा।

बताया कि इन व्यापारियों द्वारा टेक्स्ट चोरी में लिप्त पाए जाने समेत अर्थदंड की कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।राज्य कर अधिकारियों का कहना है कि नियमानुसार काम करने वाले व्यापारियों को राज्य कर विभाग पूरा सहयोग करेगा। लेकिन कर चोरी में लिप्त पाए जाने पर कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

जाने क्या है जीएसटी

जुलाई 2017 से सरकार ने जीएसटी लागू किया. जब हम कोई प्रॉडक्ट खरीदते हैं या फिर कोई सर्विस लेते हैं तो हमें उसका टैक्स देना होता है. जीएसटी की ‘एक देश, एक टैक्स’ व्यवस्था के ​तहत आपको एक ही टैक्स देना होता है।

जीएसटी की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि किसी भी सामान या सर्विस पर इस टैक्स की दर पूरे देश में एक जैसी होती है. यानी देश ​के किसी हिस्से में मौजूद कस्टमर या कंज्यूमर को उस वस्तु या सेवा पर एक जैसा ही टैक्स देना होता है. जीएसटी को 3 प्रकार में बांटा गया है— सेंट्रल जीएसटी(CGST), स्टेट जीएसटी(SGST) और इंटीग्रेटेड जीएसटी(IGST). आइए जानते हैं कि किसमें किसी हिस्सेदारी होती है।

अल्मोड़ा:275 व्यापारियों के पंजीकरण किए गए रद्द
दो भागों में बंटता है IGST
हालांकि केंद्र सरकार के पास जमा होने के बाद IGST दो भागों में बंटता है. Central का हिस्सा केंद्र सरकार रख लेती है, जबकि राज्यों का हिस्सा State Governments को दे दिया जाता है. IGST की वसूली का अधिकार केवल केंद्र के पास होता है. किसी दूसरे देश से प्रॉडक्ट्स या सर्विस पर टैक्स केंद्र और राज्य दोनों को मिलती है।

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