Uttarakhand Cabinet: धामी मंत्रिमंडल कैबिनेट बैठक में इन 12 प्रस्तावों को मिली मंजूरी

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लोकसभा चुनाव के बाद धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक शनिवार को राज्य सचिवालय में हुई। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में शहरी विकास, आवास, वित्त, राजस्व, कार्मिक, नियोजन, उच्च शिक्षा समेत कई अन्य विभागों से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा हुई। कुल 12 प्रस्ताव बैठक में आए।

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विद्युत सुरक्षा विभाग के तहत 80 नए पदों को मिली मंजूरी, अभी तक विभाग में 65 पद थे.उत्तराखंड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधायक, 2024 को मिली मंजूरी. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में परिवहन सुविधा को दुरुस्त करने के लिए प्राधिकरण काम करेगा.वित्त विभाग के अधिकारियों को प्रमोशन के बाद अलग-अलग चरणों में ट्रेनिंग दी जाएगी. ताकि नई टेक्नोलॉजी और नए नियम की जानकारी दी जा सके.राज्य सरकार के कर्मचारियों को बैंक के जरिए एक्सीडेंटल बेनिफिट दिया जाएगा. इसके लिए सरकार बैंकों के साथ एमओयू करेगा. प्रदेश में करीब डेढ़ लाख कर्मचारी है.

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पर्यटन नीति- 2018 में संशोधन को मंजूरी.महासू देवता मंदिर के डेवलपमेंट के दौरान प्रभावित होने वाले परिवारों के लिए नीति बनाई है. जिस पर मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. इस डेवलपमेंट से करीब 26 परिवार प्रभावित हो रहे हैं.सहकारी समिति से सभापति और सदस्यों के लिए 33 फीसदी महिला पद आरक्षण को मिली मंजूरी.देहरादून में खाद्य विश्लेषण शाला के लिए 13 पदों को मंजूरी.खाद्य पदार्थों की जांच के लिए मोबाइल वैन में 8 पदों को मंजूरी.

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आवास विभाग के तहत तमाम प्राधिकरणों में मिनिस्ट्रियल संवर्ग के लिए कोई नियमावली न होने के चलते अब कार्मिक विभाग की नियमावली को अडॉप्ट करेगा आवास विभाग.न्याय विभाग के तहत आयोजित परिवार न्यायालय का क्षेत्रीय सम्मेलन में व्यय धनराशि को मंजूरी.चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड में 3 कनिष्क सहायक के पद है. जिसके लिए एक सम्मिलियन नियमावली बनाई गई है. जिसपर मंत्रिमंडल की मिली मंजूरी.

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महासू देवता मंदिर का मास्टर प्लान बन रहा है। उसमें प्रभावित होने वालों के विस्थापन की नीति लाई गई है। जिनके पास अपनी जमीन है, उन्हें उस पर मकान बनाने को 10 लाख मिलेंगे। जिनके पास अपनी जमीन नहीं, उन्हें सरकारी जमीन पर बसाया जाएगा। करीब 26 ऐसे परिवार हैं।

मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक को मंजूरी दे दी है. ऐसे में प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए इस प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी. प्राधिकरण से मंजूरी मिलने के बाद काम किए जा सकेंगे.

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